Mahakal Temple New Rules: उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के दरबार में दर्शन की व्यवस्था अब बदलने जा रही है. सुरक्षा और व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने बड़े बदलाव किए हैं. अब श्रद्धालु बाबा को भारी या ‘अजगर माला' अर्पित नहीं कर सकेंगे और मंदिर में काम करने वाले पुजारी-पुश्पकर्मियों से लेकर कर्मचारियों तक सभी के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य होगा.
भारी मालाओं पर रोक
मंदिर प्रशासन ने फैसला लिया है कि अब श्रद्धालु बाबा महाकाल को अजगर माला या अन्य भारी मालाएं अर्पित नहीं कर पाएंगे. रोजाना लाखों श्रद्धालुओं के आने की वजह से सुरक्षा जांच मुश्किल हो रही थी. खासकर महिलाओं द्वारा लाई जाने वाली भारी माला की ठीक से जांच नहीं हो पाती थी, इसलिए यह प्रतिबंध लागू किया जा रहा है. हालांकि आरती के समय चढ़ाई जाने वाली बड़ी मालाएं केवल मंदिर समिति द्वारा ही अर्पित की जा सकेंगी.
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कर्मचारियों और पुजारियों के लिए ड्रेस कोड
माला के प्रतिबंध के साथ ही मंदिर प्रशासन ने ड्रेस कोड भी अनिवार्य कर दिया है. अब मंदिर के पुजारी-पंडे धोती और सोला पहनेंगे, साथ ही गले में पहचान पत्र भी रहेगा. वहीं मंदिर कर्मचारियों को पैंट-शर्ट और आईडी कार्ड पहनना जरूरी होगा. यह व्यवस्था 1 जनवरी से लागू हो जाएगी ताकि किसी भी कर्मचारी की पहचान स्पष्ट रहे.
सुरक्षा के लिए नए नियम
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक के अनुसार, गर्भगृह में भारी मालाएं आने से न सिर्फ सुरक्षा प्रभावित हो रही थी बल्कि पूजा की नियमित प्रक्रिया भी बाधित होती थी. इसी वजह से निर्णय लिया गया कि बड़ी मालाएं केवल मंदिर समिति के माध्यम से ही चढ़ाई जाएंगी. ड्रेस कोड का उद्देश्य भी यही है कि मंदिर परिसर में मौजूद हर व्यक्ति की पहचान साफ-साफ हो सके और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रहे.
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