उज्जैन सिंहस्थ मेला: लैंड पूलिंग विरोध क्‍यों कर रहीं महिलाएं, क्या है आध्यात्मिक सिटी योजना?

Ujjain Land Pooling Protest: उज्जैन में Singhstha Mela क्षेत्र की Land Pooling योजना को लेकर विवाद बढ़ गया है. Spiritual City प्रोजेक्ट के विरोध में भारतीय किसान संघ की 300 महिलाओं ने Shipra नदी किनारे Yagya कर सरकार से योजना वापस लेने की मांग की.

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Ujjain Land Pooling Protest: मध्यप्रदेश के उज्जैन में लैंड पूलिंग का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब भारतीय किसान संघ की महिला विंग भी लैंड पूलिंग के खिलाफ मैदान में उतर आई है. बुधवार को मध्यप्रदेश के 12 जिलों से आई करीब 300 महिलाओं ने कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान शिप्रा नदी के रामघाट पर राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए यज्ञ किया और योजना को वापस लेने की मांग की.

Spiritual City Ujjain: आध्यात्मिक सिटी योजना क्या है?

मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन सिंहस्थ मेला क्षेत्र की भूमि पर Spiritual City (आध्यात्मिक नगरी) विकसित करने की घोषणा की थी. इसके लिए लैंड पूलिंग का नियम पास कर सिंहस्थ क्षेत्र के 17 गांवों की 2378 हेक्टेयर जमीन को इस परियोजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया था.

योजना के तहत मेला क्षेत्र के किसानों की आधी भूमि स्थायी रूप से लिए जाने की तैयारी शुरू होते ही भारतीय किसान संगठन इसका विरोध करने लगा था. इसी क्रम में बुधवार को संगठन की महिला इकाई ने रामघाट पर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और मांग की कि मध्यप्रदेश में कहीं भी Land Pooling नहीं की जाए.

लैंड पूलिंग क्या है?

लैंड पूलिंग एक शहरी विकास योजना (Urban Development Model) है. इसमें भूमि मालिक अपनी जमीन सरकार को सौंपते हैं. सरकार उस जमीन का विकास करती है और विकास के बाद उसका एक हिस्सा मूल मालिकों को वापस करती है, जो अब पहले से ज्यादा मूल्यवान होता है. शेष भूमि का उपयोग Public Projects या Revenue Generation के लिए किया जाता है.

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हाल ही में उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) ने खिलचीपुर गांव में 10 किसानों के साथ लैंड पूलिंग मॉडल पर सड़क और सीवरेज जैसी सुविधाओं की तैयारी शुरू की है. इसी के बाद यह मुद्दा फिर से गरमा गया है.

मध्यप्रदेश सरकार को चेतावनी

भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय महिला प्रमुख मंजू दीक्षित ने कहा, “हर बार हम मातृशक्ति सम्मेलन में दीपदान करते हैं, लेकिन इस बार भूमि अधिग्रहण और Land Pooling के विरोध में सम्मेलन किया गया. महिलाओं ने तय किया कि किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं देंगे.”

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महाकाल को ज्ञापन

महिला विंग की संयोजिका वैशाली मालवीय ने बताया कि कार्यक्रम के बाद महाकाल मंदिर में ज्ञापन सौंपा गया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. अगर मांगें नहीं मानी गईं तो जल्द ही आंदोलन तेज किया जाएगा.