शादी का कार्ड पाकर लोग बोले- वाह! निमंत्रण पत्र कोई न फेंके उसके लिए उज्जैन के परिवार ने अपनाया अनोखा तरीका

उज्जैन में एक परिवार ने अपने बेटे की शादी के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. उन्होंने शादी के कार्ड को महाकाल को समर्पित करते हुए डमरू पर बनवाया है, जिसमें त्रिशूल और महाकाल की भस्म आरती भी जोड़ी गई है.

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शादियों की सीजन शुरू हो गया है. अपनी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में एक इस दिन को यादगार बनाने के लिए हर कोई कुछ न कुछ अलग हटके करता है. अब उज्जैन में भी एक परिवार ने अपने बेटे की शादी के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. परिवार ने बेटे की शादी लिए अनूठी पत्रिका (शादी का कार्ड) बनवाई है. कोई शादी का कार्ड न फेंके, इसलिए महाकाल को समर्पित करते हुए शादी के कार्ड को डमरू पर बनवाया है. साथ में त्रिशूल और महाकाल की भस्म आरती भी जोड़ी है, इसी के साथ शादी का कार्ड बांटा जाएगा. इससे कोई शादी का कार्ड फेंकेगा नहीं.

उज्जैन नगर के आजाद नगर निवासी डॉ सचिन गोयल ने बेटे की शादी के लिए डमरू पर निमंत्रण प्रिंट करवाया है. इसमें मालवा का प्रसिद्ध मांडना बनाया. साथ ही त्रिशूल और महाकाल की भस्म ओर त्रिशूल भी लगाया. यह कार्ड गोयल परिवार के 10 सदस्यों ने मिलकर लगभग एक माह में तैयार किया है.

डॉ गोयल ने बताया कि उनके पुत्र पार्थ की शादी भोपाल निवासी कोमल से 27 नवंबर को है. अधिकांश शादी के कार्ड उपयोग के बाद फेंक दिए जाते हैं. यह देख तय किया था कि कुछ अलग तरह की पत्रिका बनवाएंगे. इसलिए परिवार के सभी सदस्य ओर सेवाधाम आश्रम के बच्चों ने मिलकर एक माह में 400 निमंत्रण कार्ड बनाए हैं, जिन पर लगभग एक लाख रुपए खर्च हुए हैं.

शिव और शक्ति का प्रतीक

डॉ गोयल ने बताया कि पत्रिका के माध्यम से मालवा की संस्कृति से अतिथियों को अवगत कराना है. इसलिए शिव के प्रतीक डमरू पर मशक्कत कर मालवा का मांडना उकेरा, जिसमें रूद्राक्ष और त्रिशूल लगाया. वहीं, शक्ति स्वरूप हरसिद्धि माता भी कार्ड पर विराजमान हैं. लोग इस पत्रिका को सहेजकर रखें, इसलिए दो माह तक महाकाल की भस्म आरती की पवित्र भस्म एकत्रित की. फिर इसे विशेष रूप से पैक करवाकर हर निमंत्रण कार्ड में लगाई, ताकि कोई भी व्यक्ति इस कार्ड को फेंके नहीं.

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चर्चा में शादी का कार्ड

दरअसल, देवउठनी ग्यारस के साथ शादियों का सीजन भी शुरू हो गया. ऐसे में अधिकांश घरों में शादी की कई आकर्षक पत्रिका पहुंच रही हैं. जिन पर गणेश जी की तस्वीर के साथ निमंत्रण के लिए पीले चावल लगे होना आम बात है. ऐसे में डॉ गोयल की अनूठी पत्रिका चर्चा का विषय बनी हुई है.