Mahakal Temple : प्रजा का हाल जानने निकले बाबा महाकाल,पुलिस बल ने दी सलामी तो झूम उठे भक्त.

Mahakal Temple Ujjain: मध्य प्रदेश के उज्जैन में चौथी सवारी में उमा महेश के रूप में प्रजा का हाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले. इस दौरान पालकी पर विराजमान भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर  के दर्शन करके भक्त झूम उठे.

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Madhya Pradesh Today News: एमपी के उज्जैन में श्रावण मास की चौथी सवारी में सोमवार को बाबा महाकाल उमा महेश के स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकले. पालकी में भगवान महाकाल श्री चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में विराजित थे. सोमवार शाम चार बजे मंदिर से शुरू हुई सवारी में भजन मंडली सशस्त्र बल के साथ घासी जनजातीय समूह के कलाकार नृत्यकर प्रस्तुति देते हुए निकले.

आकर्षण का केंद्र रही पालकी

सोमवार को सवारी से पूर्व सभा मंडप में पुजारियों के साथ मंत्री कृष्णा गौर, रामनिवास व पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पालकी में सवार बाबा महाकाल का पूजन अर्चन किया. इसके बाद बाबा महाकाल श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में चांदी की पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले. इस दौरान मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल ने पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी. सवारी  में भगवान श्री महाकालेश्वर बैलगाड़ी पर नंदी के साथ श्री उमा-महेश स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन हुए निकले.

इन मार्गों से निकली सवारी

प्रजा का हाल जानने के लिए बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले.

सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहार वाडी से होती हुई रामघाट पहुंची. यहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजा-अर्चन करने के बाद सवारी पुनः रवाना हो गई. तत्पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: रात को महाकाल मंदिर पहुंचेगी.

इस डेट पर निकलेगी शाही सवारी

मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को सहज दर्शन के लिए ट्रक पर चार एलईडी लगाई है, जिससे श्रद्धालुओं को चारों दिशाओं से लाइव दर्शन होते रहे.अब श्रावण की अंतिम और सवारी 19 अगस्त को निकलेगी. वहीं, भादौ मास में छठवीं सवारी 26 अगस्त और शाही सवारी 2 सितंबर को निकलेगी.

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यह लोकनृत्य था विशेष

बाबा महाकाल की सवारी को और भी खास बनाने के लिए सरकार प्रयासरत है. प्रदेश के सभी अंचल की सहभागिता जोर दे रही है. यही वजह है कि पहली सवारी से निमाड़ के पारंपरिक लोक नृत्य, काठी नृत्य दल ने प्रस्तुति दी. दूसरी सवारी में 350 पुलिसकर्मियों के बैंड को शामिल किया था.तीसरी सवारी में डमरू वादन आकर्षण का केंद्र था...

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