अखाड़ा परिषद में दो फाड़! वैष्णव अखाड़ों ने बनाया ‘रामा दल’, स्थानीय अखाड़ा परिषद भंग

उज्जैन में Akhada Parishad dispute ने नया मोड़ ले लिया है, जहां वैष्णव अखाड़ों ने शेव सम्प्रदाय से अलग होकर नया Ramadal Akhada Parishad बना लिया. स्थानीय अखाड़ा परिषद को भंग किए जाने के बाद Simhastha 2025 की तैयारियों पर सवाल उठ रहे हैं.

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Akhada Parishad dispute: मध्य प्रदेश के उज्जैन में रविवार को अखाड़ा परिषद के अंदर बड़ा विवाद सामने आया, जिसने साधु-संतों के बीच हलचल मचा दी. वैष्णव अखाड़ों ने शेव सम्प्रदाय से अलग होकर अपना नया संगठन ‘रामादल अखाड़ा परिषद' गठित कर लिया. इसके साथ ही स्थानीय अखाड़ा परिषद को भंग भी कर दिया गया. सिंहस्थ से पहले इस फूट ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.

आपात बैठक के बाद स्थानीय अखाड़ा परिषद भंग

रविवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पूरी जी और महामंत्री हरिगिरि जी ने दत्त अखाड़े में आपात बैठक बुलाई. महंत आनंदपुरी महाराज की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्थानीय अखाड़ा परिषद को तत्काल प्रभाव से भंग करने का निर्णय लिया गया. इस फैसले के बाद परिषद के महामंत्री महंत रामेश्वर गिरी, उपाध्यक्ष महंत आनंद पुरी और प्रवक्ता महंत श्याम गिरी ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया.

वैष्णव अखाड़ों की अलग बैठक, ‘रामादल' का गठन

स्थानीय परिषद के भंग होने के तुरंत बाद वैष्णव संप्रदाय के तीन बड़े अखाड़ों निर्मोही अणि अखाड़ा, दिगम्बर अणि अखाड़ा और निर्वाणी अणि अखाड़ा ने मंगलनाथ रोड स्थित श्री पंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े में बैठक की. करीब एक घंटे चली इस चर्चा में यह तय किया गया कि अब एक नई परिषद ‘रामादल अखाड़ा परिषद' बनाई जाए और इसे आधिकारिक रूप से रजिस्टर भी किया जाए.

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शेव सम्प्रदाय से अलग होने का ऐलान

महंत रामेश्वर दास जी ने साफ कहा कि उन्हें किसी ने इस्तीफा देने को मजबूर नहीं किया. उन्होंने बताया कि संतों में बढ़ती असहमति को देखते हुए नया रामा दल अखाड़ा बनाना जरूरी हो गया था. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब उनका शेव अखाड़ों से कोई संबंध नहीं रहेगा. सिंहस्थ को लेकर होने वाली बैठकों में अब रामादल अखाड़ों की ओर से वही प्रतिनिधित्व करेंगे. शेव सम्प्रदाय से अलग होकर वे अपनी स्वतंत्र भूमिका निभाएंगे.

नई रामा दल अखाड़ा परिषद की पदाधिकारी सूची

  • संरक्षक: मुनि क्षरणदास, अर्जुनदास, खाकी अखाड़ा, महंत भगवानदास
  • अध्यक्ष: महंत रामेश्वरदास जी
  • उपाध्यक्ष: महंत काशीदास जी, रामचंद्रदास जी (दिगम्बर अखाड़ा), हरिहर रसिक खेड़ापति
  • कोषाध्यक्ष: महेशदास और राघवेंद्र दास जी
  • मंत्री: बलरामदास महाराज
  • महामंत्री: चरणदास जी, महंत दिग्विजयदास जी

प्रशासन के लिए नई चुनौती

सिंहस्थ जैसे बड़े आयोजन से पहले अखाड़ों में खींचतान प्रशासन के लिए परेशानी बढ़ा सकती है. विवाद के चलते मेला क्षेत्र में चल रहे विकास कार्य भी प्रभावित होने की आशंका है. हालांकि, महंत भगवानदास जी का कहना है कि नए रामा दल अखाड़ा परिषद का कामकाज पहले की स्थानीय परिषद की तरह ही चलता रहेगा और किसी कार्य में रुकावट नहीं आने दी जाएगी.

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