Bhind: दो नवजात बच्चों की मौत से अस्पताल में बवाल, रिश्वत नहीं दिया तो नहीं किया इलाज!

Ruckus In Bhind District Hospital: भिंड जिला अस्पताल में दो नवजात बच्चों ने दम तोड़ दिया है. इसके बाद परिजनों ने लापरवाही और रिश्वत का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. इस दौरान अस्पताल चौकी प्रभारी ओम प्रकाश मिश्रा ने प्रसूता के पति का कॉलर पकड़कर अस्पताल परिसर में घुमाया.  

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Bhind District Hospital: मध्य प्रदेश के भिंड जिला अस्पताल में दो नवजात बच्चों की मौत पर बवाल मच गया. नवजातों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल के स्टाफ पर पांच हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया. फिर खूब हंगामा किया. इस मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल के चौकी प्रभारी मौके पर पहुंच गए. 

मीडियाकर्मियों पर निकाली भड़ास 

इस दौरान क्रूरता दिखाते चौकी प्रभारी ने हंगामा कर रहे पीड़ित प्रसूता के पति की कॉलर पकड़कर अस्पताल परिसर में घुमाया. वहीं, अस्पताल प्रबंधक ने घटना का कवरेज कर रहे मीडियाकर्मी पर जमकर भड़ास निकाली. दरअसल भिंड जिला अस्पताल में लापरवाही के मामले इन दिनों सुर्खियों में है. रविवार सुबह ऊमरी थाना क्षेत्र और मेहगांव की रहने बाली दो प्रसूताओं को प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसमे ऊमरी क्षेत्र की प्रसूता के नवजात बच्चे की मौत हों गई.

परिजनों ने विरोध किया तो युवक को छोड़ा

वहीं, मेहगांव से रेफर होकर आई प्रसूता उमा मौर्य की डिलेवरी के बाद नवजात बच्चे ने दम तोड़ दिया. दोनों नवजात बच्चों की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर बवाल काटा. हंगामे की सूचना पर अस्पताल चौकी प्रभारी ओम प्रकाश मिश्रा ने प्रसूता के पति प्रमोद मौर्य की कॉलर पकड़कर अस्पताल में घुमाया. प्रमोद को पुलिस ले जा रही थी, जिसका परिजनों ने विरोध किया तो उसे छोड़ा.

खून की कमी का दिया हवाला 

मृतक नवजात बच्ची की दादी का रो-रोकर बुरा हाल है. दादी का आरोप है कि सुबह नर्स ने उनसे पांच हजार रुपये की मांग की. उस दौरान उनके बेटे मौके पर नहीं थे, न ही उनके पास रुपये थे. पिता प्रमोद मौर्य का आरोप है कि मेहगांव से रेफर कर जिला अस्पताल लेकर आया था. पत्नी में खून की कमी का हवाला दिया गया.ब्लड लाने के लिए बोला गया. लेकिन ब्लड बैंक से ब्लड लाने के लिए उनको कोई फॉर्म नहीं दिया गया.

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आरोप: रिश्वत नहीं देने पर प्रसूता को नहीं देखा

पत्नी की डिलीवरी नॉर्मल हो रही थी. रिश्वत नहीं देने पर प्रसूता को किसी नर्स ने हाथ नहीं लगाया, जिसके चलते बच्चे की मौत हो गई. पत्नी को छुट्टी कराकर घर वापस जाना चाहते थे, लेकिन अस्पताल के सिविल सर्जन आर.के मिश्रा ने उनसे पांच हजार जमा कराकर घर जाने के लिए बोला. प्रमोद मौर्य का आरोप है कि रिश्वत के रुपए नहीं देने पर सिविल सर्जन ने पुलिस के द्वारा उन्हें रोकने का प्रयास किया.

वहीं, अस्पताल की नर्स संगीता का कहना है कि रात भर से प्रसूता महिलाओं को डॉ. शालिनी जैन की देखरेख में रखा गया था. दोनों बच्चों के धड़कन नहीं चल रही थी. दोनों ही प्रसूताओं ने मृत बच्चे को जन्म दिया था. पैसे मांगने वाली बात सरासर गलत है.

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दुर्व्यवहार के मामले में मिला आश्वासन

जब इस मामले में आर.के. मिश्रा, अस्पताल प्रबंधक सिविल सर्जन से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने उल्टा ही मीडियाकर्मी पर भड़क गए. हंगामे को देखते ही नगर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार उइके ने मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया. वहीं, अस्पताल चौकी प्रभारी द्वारा की गई बच्चे के पिता के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में एक्शन का आश्वासन दिया.

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