
MP NEWS: सतना जिले के नागौद थाना क्षेत्र स्थित हिलौंधा गांव में पैर धोते समय दो लड़कियां खुले बोरवेल में गिर गईं, जिससे दोनों की दर्दनाक मौत हो गई. मृत लड़कियों की पहचान सोमवती साकेत (16 वर्ष), निवासी करहिया और दुर्गा साकेत (13 वर्ष), निवासी करही कोठार के रूप में हुई है.
सोमवती का शव घटना के कुछ घंटे बाद ही बरामद कर लिया गया, जबकि दुर्गा का शव करीब सात घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद देर रात लगभग 2 बजे SDRF की टीम ने बरामद किया. यह घटना रविवार शाम की है जब धान की रोपाई के बाद दोनों लड़कियां पैर धोने खेत में गई थीं. बताया गया कि गजानंद मिश्रा के खेत का बोरवेल खुला हुआ था, जिसमें पैर रखते ही दोनों लड़कियां गहरे पानी में चली गईं. सूचना के बाद जिला प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची.
बताया गया कि जिस स्थान पर हादसा हुआ, वहां पहले एक बोरवेल खोदा गया था, लेकिन पानी न मिलने पर किसान ने केसिंग पाइप निकालकर उस गड्ढे को मिट्टी से भर दिया था. हाल ही में हुई बारिश के कारण मिट्टी धंस गई और गड्ढा गहरा हो गया. इसी खतरनाक गड्ढे में बारिश का पानी भर गया, जिससे कोई यह अंदाजा नहीं लगा सका कि गहराई कितनी है, और यह हादसा हो गया. खुले बोरवेल में दो नाबालिग लड़कियों के गिरने के बाद हिलौंधा गांव में प्रशासनिक अधिकारियों और नेताओं का जमावड़ा लग गया.
देर रात ट्रैक्टर पर सवार होकर एसडीएम, तहसीलदार, सीईओ, थाना प्रभारी और पूर्व विधायक मौके पर पहुंचे. अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही सोमवती का शव मिल चुका था, जबकि दुर्गा का शव करीब सात घंटे बाद देर रात 2 बजे तब मिला जब खेत का पानी पूरी तरह निकाला गया.
जिस बोरवेल में हादसा हुआ, वह भी अपने आप में बड़ा सवाल है. दरअसल, पिछले दिनों जब रीवा में ऐसी ही घटना हुई थी, तब मुख्यमंत्री ने खुले बोरवेल बंद करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद कलेक्टर ने सतना जिले में सभी अधिकारियों को ऐसे स्थानों को चिन्हित कर बंद कराने के निर्देश दिए थे, ताकि कोई हादसा न हो. लेकिन इस हादसे ने इन निर्देशों की पोल खोल दी. कलेक्टर के निर्देश के बावजूद यह बोरवेल खुला रह गया, जहां दो बच्चियों की डूबकर मौत हो गई. शवों को बरामद करने के बाद पंचनामा कर देर रात पोस्टमॉर्टम के लिए नागौद ले जाया गया.
लापता लड़की की तलाश में जलभराव एक बड़ी समस्या थी. रेस्क्यू टीम को पानी में उतरने में दिक्कत हो रही थी, लिहाजा एसडीएम जितेंद्र वर्मा के निर्देश पर जेसीबी बुलवाकर खेत की मेड़ काटी गई और पानी निकाला गया. बताया जाता है कि खेत की भौगोलिक स्थिति ऐसी थी कि ऊपर से लगातार पानी आ रहा था.