उज्जैन के दो महारथियों को मिला पद्मश्री अवॉर्ड, इतिहास के लिए राजपुरोहित और माच कला के लिए ओमप्रकाश शर्मा को चुना गया

उज्जैन में जन्मे ओम प्रकाश शर्मा ने उस्ताद कलूराम शर्मा से माच कला और पांच वर्ष की उम्र में पिता पंडित शालीग्राम से शास्त्रीय गायन की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था. उन्होंने कई नाटक, टीवी सीरियल और फिल्मों में गीतकार रवीन्द्र जैन, अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल, उद्‌भव ओझा, सतीश देहरा जैसे कई प्रसिद्ध गायकों, गीतकारों और संगीतकारों के लिए संगीत निर्देशन भी किया है.

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उज्जैन के दो लोगों को मिला है पद्मश्री अवार्ड

Madhya Pradesh News: केंद्र ने गणतंत्र दिवस के मौके पर उज्जैन की दो शख्सियतों को पद्मश्री देने की घोषणा की है. पदमश्री देश में इतिहास और साहित्य सेवा के लिए दिए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है. ये सम्मान डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित को इतिहास और संस्कृति के लिए मिला है. वहीं माच कला को जीवन अर्पण करने के लिए ये सम्मान ओम प्रकाश शर्मा को दिया जाएगा. इसकी जानकारी मिलते ही दोनों के परिवार में खुशियां छा गईं है.

डॉ राजपुरोहित साहित्य के क्षेत्र में हैं काफी बड़ा नाम

केडी गेट के रहने वाले 81 साल के डॉ राजपुरोहित साहित्य के क्षेत्र में काफी बड़ा नाम हैं. वो इतिहास के जानकार भी हैं. वह सांदिपनि महाविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर रहे हैं. उन्हें अपनी विशेष योग्यताओं के कारण पूर्व में भी कई पुरस्कार मिले हैं. वहीं इंदौर रोड़ स्थित अथर्व विहार के रहने वाले 85 साल के ओम प्रकाश शर्मा माच कला के लिए प्रसिद्ध हैं.

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पूरी जिंदगी इस कला को समर्पित होने वाले शर्मा ने कई बड़े नाटक, टीवी सीरियल और फ़िल्मों में काम किया है. कला जगत में अपने विशेष योगदान के लिए उन्हें कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं. उन्हें पूर्व में राष्ट्रपति एपीजे कलाम भी सम्मानित कर चूके हैं, दोनों को उनके योगदान को देखते हुए केंद्र सरकार ने गुरुवार शाम पद्मश्री पुरस्देकार देने की घोषणा भी की है.

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राजपुरोहित के पास है एमए और पीएचडी की डिग्री 


डॉ पुरोहित ने इसके बाद कहा है कि ये मेरे परिश्रम का फल है. धार जिले के चंदोड़िया में 2 नवंबर 1943 को जन्में भगवती लाल राजपुरोहित ने हिंदी, संस्कृत और प्राचीन इतिहास में एमए और पीएचडी की डिग्री ली है. उन्हें मध्य प्रदेश संस्कृत भोज पुरस्कार, डा राधाकृष्णन सम्मान, मप्र साहित्य परिषद का बालकृष्ण शर्मा नवीन पुरस्कार  मिला है.  पद्मश्री के लिए चयनित होने पर उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके परिश्रम को मान्यता दी है जो कि उनके लिए गौरव की बात है.

वहीं 1938 को उज्जैन में जन्मे ओम प्रकाश शर्मा ने उस्ताद कलूराम शर्मा से माच कला और पांच वर्ष की उम्र में पिता पंडित शालीग्राम से शास्त्रीय गायन की शिक्षा लेना शुरू कर दिया था. उन्होंने कई नाटक, टीवी सीरियल और फिल्मों में गीतकार रवीन्द्र जैन, अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल, उद्‌भव ओझा, सतीश देहरा जैसे कई प्रसिद्ध गायकों, गीतकारों और संगीतकारों के लिए संगीत निर्देशन भी किया है. कई राष्ट्रीय पुरस्कार हासिल कर चुके शर्मा ने एक माच सुनाते हुए कहा अब गला साथ नही देता. पद्म श्री के लिए चयन होने पर उन्होंने कहा कि ये पूरी जिंदगी के निचोड़ और भगवान की कृपा से मिल रहा है राष्ट्रीय सम्मान.

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प्रदेश की सीएम ने दी बधाई

उज्जैन में दशहरा मैदान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने और जाल सीएम राइज स्कूल में विद्यार्थियों के साथ भोजन के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने मीडिया से चर्चा की. उन्होंने गणतंत्र दिवस की देशवासियों को बधाई देते हुए राष्ट्रीय अवार्ड के लिए योग्य व्यक्तियों के चयन को पीएम मोदी की निष्पक्ष कार्य शैली बताया. उन्होंने पद्मश्री मिलने वाले लोगों को बधाई दी.

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