Guna Violence: मध्य प्रदेश के गुना में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान भड़की सांप्रदायिक हिंसा में बड़ा मोड़ सामने आया है. एक पुलिस अधिकारी की शिकायत पर जो एफआईआर हुई है उसके मुताबिक, बीजेपी पार्षद ओम प्रकाश कुशवाहा और उनके सहयोगियों को कर्नलगंज मस्जिद के पास भड़काऊ नारेबाजी और माहौल को उग्र करने का आरोपी बनाया गया है. मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारी की शिकायत में कहा गया है कि जुलूस ने अनुमति का उल्लंघन किया, मदीना मस्जिद के सामने तेज डीजे बजाया.
12 अप्रैल को हुई इस घटना में दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. अब तक कुल आठ एफआईआर दर्ज हुई हैं और 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन एनडीटीवी को एक्सक्लूसिव तौर पर मिली जानकारी के अनुसार तीन एफआईआर गंभीर धाराओं के तहत दर्ज की गई हैं.
पहली शिकायत 12 अप्रैल को हुई
पहली शिकायत बीजेपी पार्षद ओम प्रकाश कुशवाहा ने 12 अप्रैल को रात 10:56 बजे दर्ज कराई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि हनुमान जयंती जुलूस पर कर्नलगंज मस्जिद के पास पत्थर और हथियारों से हमला हुआ. एफआईआर में विक्की खान, गुड्डू खान, तौफीक खान और 15–20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है. इन पर बीएनएस की धाराएं 109, 296, 324(4), 125, 191(2), 190 और 115(2) लगाई गई.
ये हैं आरोप
ये धाराएं अपराध में उकसाने, गंभीर अपराध की कोशिश, सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने, धमकी देने, सरकारी काम में बाधा, अवैध जमावड़े और खतरनाक हथियारों से चोट पहुंचाने से जुड़ी हैं. कुशवाहा का दावा है कि पिछले वर्षों की तरह ही जुलूस निकाला गया, लेकिन इस बार उसे रोका गया और उस पर हमला हुआ. मस्जिद के पास बज रहे डीजे को लेकर विवाद हुआ, जिससे पथराव शुरू हुआ और गोली चलने तक की नौबत आई. कई लोग घायल हुए और वाहनों को नुकसान पहुंचा. उन्होंने इसे एक साजिश बताया है.
14 अप्रैल को भाजपा पार्षद पर एफआईआर
14 अप्रैल की रात 8:45 बजे, गुना पुलिस ने असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर महेश लाकड़ा की शिकायत पर जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें बीजेपी पार्षद ओम प्रकाश कुशवाहा और 10–15 अन्य लोगों के खिलाफ बीएनएस की धाराएं 191(2), 299 और 132 के तहत एक और एफआईआर दर्ज की. इसमें जुलूस को ही हिंसा का कारण बताया गया है.
'तुम कौन होते हो पूछने वाले'
एफआईआर के मुताबिक, महेश लकड़ा ने बताया कि उन्हें 12 अप्रैल को शाम 4 बजे प्रधान आरक्षक सरनाम सिंह चोपड़ा से सूचना मिली थी कि जुलूस कर्नलगंज मस्जिद के पास से गुजर रहा है. मौके पर पहुंचने पर उन्होंने ओमप्रकाश कुशवाहा से जुलूस और डीजे की अनुमति के बारे में पूछा, जिस पर कुशवाहा ने कथित तौर पर जवाब दिया, "पूछने वाले तुम कौन होते हो?"
तेज बजता रहा डीजे, दी गई गालियां
पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन जुलूस में मदीना मस्जिद के सामने तेज आवाज में डीजे बजता रहा, गालियां दी गईं और धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाए गए. बाद में, कुशवाहा और उनके साथियों ने कथित तौर पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिससे सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न हुई. लकड़ा ने यह रिपोर्ट 14 अप्रैल को दर्ज की.
ये धाराएं सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने से संबंधित हैं. धारा 132 विशेष रूप से सार्वजनिक कार्यक्रमों के दौरान हिंसा या खतरे को लेकर है.
तीसरी एफआईआर में इनका नाम
तीसरी एफआईआर 14 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद (VHP) से जुड़े कार्यकर्ताओं रंजीत खटीक, आशीष रघुवंशी, कैलाश मौर्य, मनीष शर्मा, और राजेश कुशवाहा समेत 20–25 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई. इन पर गुना शहर में हाट रोड, कैंट रोड और कोर्ट रोड जैसी मुख्य सड़कों को जाम करने का आरोप है.
कोतवाली थाना प्रभारी ब्रजमोहन सिंह भदौरिया ने अपनी लिखित शिकायत में कहा कि कई बार समझाने के बावजूद उक्त लोग हनुमान चौराहा पर नारेबाजी और रोड ब्लॉक करते रहे, जिससे आम जनता और वाहन चालकों को भारी परेशानी हुई. पूरी घटना सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हुई और आरोपियों पर बीएनएस की धाराएं 191(2) और 126(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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8 एफआईआर हुईं दर्ज
एनडीटीवी से बात करते हुए गुना एसपी संजीव सिन्हा ने पुष्टि की कि कुल आठ एफआईआर दर्ज हुई हैं और अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि सूत्रों के अनुसार, तीन मुख्य एफआईआर को छोड़कर बाकी मामले अपेक्षाकृत मामूली धाराओं के तहत दर्ज किए गए हैं.
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