ट्रांसपोर्ट संगठन का दावा: ट्रक चालकों की हड़ताल से MP में पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित

Hit & Run New Law: ट्रक ड्राइवरों की चल रही हड़ताल के बीच ट्रांसपोर्ट संगठनों ने दावा किया है कि मध्य प्रदेश में हड़ताल के चलते पांच लाख गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित हुई है.

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फाइल फोटो

Movement of Vehicles affected in Madhya Pradesh: ट्रांसपोर्टरों के एक संगठन ने मंगलवार को दावा किया कि मोटर चालकों से जुड़े 'हिट-एंड-रन' दुर्घटना मामलों (Hit & Run Case) पर नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में लगभग पांच लाख वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है. हालांकि, मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों और भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रमुख शहरों में प्रशासन ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत पेट्रोल पंपों पर ईंधन की कोई कमी (Fuel Shortage) नहीं है.

ड्राइवरों के आंदोलन के बीच मंगलवार को सुबह भोपाल, इंदौर और अन्य शहरों में पेट्रोल पंपों पर अपने वाहनों की टंकी में ईंधन भरवाने के लिए बड़ी संख्या में लोग देखे गए. नए कानून के एक प्रावधान के विरोध में ट्रकों और टैंकरों सहित कॉमर्शियल वाहनों के चालकों ने सोमवार से मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में काम बंद कर दिया और कुछ स्थानों पर चक्काजाम किया.

नए कानून में 10 साल की सजा का प्रावधान

भारतीय दंड विधान की जगह लेने जा रही भारतीय न्याय संहिता में ऐसे चालकों के लिए 10 साल तक की सजा का प्रावधान है, जो लापरवाही से गाड़ी चलाकर भीषण सड़क हादसे को अंजाम देने के बाद पुलिस या प्रशासन के किसी अफसर को दुर्घटना की सूचना दिए बगैर मौके से फरार हो जाते हैं. अधिकारियों के अनुसार, चालकों की हड़ताल के कारण इंदौर शहर में सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं के साथ-साथ दूसरे शहरों के लिए चलने वाली यात्री बसों का संचालन भी प्रभावित हुआ है, जिससे हजारों यात्रियों को असुविधा हुई है.

सजा के प्रावधान वापस लेने की मांग

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष (पश्चिमी क्षेत्र) विजय कालरा ने पीटीआई भाषा को बताया, "नए कानून के खिलाफ चालकों की हड़ताल से मध्य प्रदेश में लगभग पांच लाख छोटी-बड़ी गाड़ियां नहीं चल पा रही हैं.'' उन्होंने मांग की कि सरकार को हिट एंड रन के मामलों में चालकों को सख्त सजा के प्रावधान वापस लेने चाहिए और सड़क हादसे रोकने के लिए खासकर राजमार्गों पर वाणिज्यिक वाहनों के लिए अलग लेन बनाई जानी चाहिए.

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कारोबारी संगठनों के महासंघ 'अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज' के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा कि अगर चालकों की हड़ताल जारी रही, तो आम जरूरत की चीजों की आपूर्ति की स्थिति और बिगड़ेगी जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को हिट एंड रन के मामलों में सख्त सजा के प्रावधानों पर एक बार फिर विचार करना चाहिए.

वहीं मध्य प्रदेश पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने भोपाल में पीटीआई-भाषा को बताया कि मंगलवार शाम तक पूरे राज्य में ईंधन आपूर्ति की स्थिति सामान्य हो जाएगी. उन्होंने कहा, 'हमने अपने टैंकर चालकों को मना लिया है और वे पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति के लिए ईंधन लाने के लिए पेट्रोल डिपो तक पहुंच गए हैं.'

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कई जिलों के कलेक्टरों ने की लोगों से अपील

सोमवार रात भोपाल कलेक्टर आशीष सिंह ईंधन आपूर्ति की स्थिति पर नजर रखने के लिए यहां एक पेट्रोल डिपो गए. निरीक्षण के बाद उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम कंपनियां अपने वाहनों से ईंधन आपूर्ति का काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'पेट्रोलियम कंपनियों के वाहनों के माध्यम से दस लाख लीटर पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति की गई है. लोगों को घबराने और ईंधन स्टेशनों पर कतार लगाने की जरूरत नहीं है.'

इंदौर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी. ने कहा कि जिले में पेट्रोल-डीजल की कोई कमी नहीं है और इन ईंधनों की सतत आपूर्ति की जा रही है. रीवा, अलीराजपुर, अनूपपुर, शहडोल और नर्मदापुरम सहित कई अन्य जिलों के कलेक्टरों ने भी लोगों से अपील की कि वे घबराएं नहीं क्योंकि ईंधन की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखी जा रही है.

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परिवहन मंत्री ने की थी बातचीत की अपील

सोमवार को राज्य के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने आंदोलनकारी चालकों से सरकार के साथ अपने मुद्दे पर चर्चा करने की अपील की. उन्होंने कहा, 'कानून बनाने का मतलब यह नहीं है कि यह उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए बनाया गया है. उन्हें चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को सुलझाना चाहिए. हम उनसे बात करेंगे.' उन्होंने कहा कि सरकार प्राथमिकता के आधार पर लोगों और वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करेगी.

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