Tomato Farmers On Low prices : मध्य प्रदेश में टमाटर के दाम बहुत ही कम हैं. कटनी में तो टमाटर 1 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. किसानों को टमाटर के गिरे हुए दामों की वजह से तगड़ा झटका लगा है. किसान परेशान और बेबस नजर आ रहे हैं. लागत तो छोड़िए, टमाटर तुड़वाने की मजदूरी भी नहीं निकाल पा रहे हैं. जिले में टमाटर की खेती करने वाले किसानों को इन दिनों लागत नहीं मिलने और एक रु किलो में भी टमाटर नहीं बिकने से किसान उदास नजर आ रहे हैं. हालात यह हैं कि किसान मजबूरी में खेत में लगे टमाटर को अब मवेशियों को खिला रहे हैं. इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है. किसानों ने सरकार से टमाटर में हो रहे घाटे के लिए राहत की मांग की है.
'अब मवेशियों को खिलाना पड़ रहा'
एनडीटीवी ने जिले के मझगवां गांव में टमाटर की खेती करने वाले किसानों से बात की.अपनी पीड़ा बताते हुए महिला किसान सुमित्रा ने बताया कि टमाटर नहीं बिकता है इसलिए गाय को खिला देते है मंडी में सस्ता होने से लागत भी नहीं निकल रही है और न ही बिक पा रही है. किसान ने बताया कि बड़ी दिक्कत है उन्हें टमाटर की लागत भी नहीं निकल पा रही है. उनकी मजदूरी भी नहीं निकल पा रही है. मंडी में दाम नहीं मिल रहे हैं, जिससे अब मवेशियों को खिलाना पड़ रहा है.
'खेतों में ही टमाटर सड़ रहा'
अन्य किसान अच्छेलाल कुशवाहा ने बताया कि आज टमाटर मंडी लेकर गए थे. लेकिन एक रु किलो के दाम पर भी टमाटर नहीं बिका है. इस उम्मीद से वह टमाटर की खेती किए थे कि दस रुपये से पन्द्रह रु के दाम मिलेंगे. लेकिन अब दाम भी नहीं मिल पा रहे है. महिला किसान फूलाबाई ने बताया कि टमाटर नहीं बिकने से खेतों में ही टमाटर सड़ रहा है. ना तो मजदूरी निकल रही है और न ही भाड़ा निकल रहा है.
'टमाटर गायों को खिला रहे'
महिला किसान सत्यवती ने खेतों में लगी टमाटर गायों को खिलाते हुए बताया कि टमाटर मंडी में भी बिक रहा है. इसलिए टमाटर खेतों में ही सड़ रहा है.इसी तरह किसान राजा बाबू ने बताया कि टमाटर एक रु किलो भी नहीं बिक पा रहा है. इसलिए खेत में जानवर को लगा दिए हैं. उनकी मजबूरी है. किसान अतुल ने बताया कि खेतों में टमाटर लगा है. लेकिन वह मंडी में बिक नहीं रहा है लागत भी नहीं निकल रही है इसलिए गायों को टमाटर खिलाने को मजबूर है..
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