Madhya Pradesh News : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिग्गज नेता विजया राजे सिंधिया की जयंती पर गुरुवार को श्रद्धांजलि दी. प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्वीटर) पर कहा, ''राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी को उनकी जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि. उन्होंने अपना पूरा जीवन जन कल्याण और राष्ट्रसेवा को समर्पित कर दिया. गरीबों और वंचितों के लिए उनके प्रयास सशक्त भारत के निर्माण में हर किसी को प्रेरित करने वाले हैं."
बता दें कि आज बीजेपी की दिग्गज नेता रहीं राजमाता विजया राजे सिंधिया की जयंती है. वे जनसंघ की प्रमुख नेताओं में से एक थीं. उनका जन्म सन् 1919 में हुआ था. ग्वालियर के राजघराने से संबंध रखने वाली विजया राजे अपने राजनीतिक सफर में हिंदुत्व के मामले में काफी मुखर थीं. विजया राजे, जनसंघ में शामिल होने से पहले कांग्रेस का हिस्सा थीं.
कौन थीं विजया राजे सिंधिंया?
वर्ष 1919 में जन्मी विजया राजे सिंधिया तत्कालीन ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखती थीं. अपने अधिकांश राजनीतिक जीवन में उन्होंने हिंदुत्व के एजेंडे की पैरवी की. जनसंघ में शामिल होने से पहले वह कांग्रेस के साथ जुड़ी हुई थीं. भारत से राजशाही समाप्त होने पर वे राजनीति में आईं और कई बार संसद के दोनों सदनों में प्रतिनिधित्व के लिए चुनी गईं. विजया राजे कई दशकों तक जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी की सक्रिय सदस्य भी रहीं. वे पहली बार 1957 में गुना से लोकसभा के लिए चुनी गईं थी.
विजया राजे सिंधिया के पोते हैं ज्योतिरादित्य
राजमाता विजया राजे सिंधिया ने 1957 में कांग्रेस से अपनी राजनीतिक पारी शुरू की थी. वह गुना लोकसभा सीट से सांसद चुनी गईं. कांग्रेस में 10 साल बिताने के बाद विजया राजे सिंधिया ने 1967 में जनसंघ जॉइन कर लिया. विजयाराजे सिंधिया की बदौलत ही ग्वालियर क्षेत्र में जनसंघ काफी मजबूत हुआ. उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्र की मौजूदा सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री के पद पर काबिज हैं. वहीं, उनकी दो बेटियां राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे भी बीजेपी का हिस्सा हैं.
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