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बच्चों के साथ ब्लैकमेलिंग! पहले करवाते थे पिटाई, फिर वसूलते थे पैसा; सब इंस्पेक्टर का बेटा निकला मास्टरमाइंड

मध्य प्रदेश के Tikamgarh में rich kids से जुड़े students blackmailing और minor extortion का सनसनीखेज मामला सामने आया है. police ने juvenile gang को गिरफ्तार किया, जिसमें सब इंस्पेक्टर का बेटा भी मुख्य आरोपी है.

बच्चों के साथ ब्लैकमेलिंग! पहले करवाते थे पिटाई, फिर वसूलते थे पैसा; सब इंस्पेक्टर का बेटा निकला मास्टरमाइंड

Blackmailing Minors Madya Pradesh: टीकमगढ़ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर में सनसनी फैला दी. यहां कुछ किशोरों का एक गैंग रईस घरानों के बच्चों को ब्लैकमेल कर रुपये ऐंठ रहा था. पुलिस जांच में पता चला है कि इस गैंग का सरगना किसी आम घर का नहीं, बल्कि एक सब-इंस्पेक्टर का बेटा है. गैंग पहले बच्चों की कोचिंग में पिटाई करवाता था, फिर उन्हें बचाने का नाटक कर दोस्ती करता और बाद में ब्लैकमेल कर पैसे वसूलता था.

टीकमगढ़ पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह खासतौर पर अमीर घरों के स्कूली बच्चों को निशाना बनाता था. पहले यह लोग कोचिंग या स्कूल में झगड़ा करवाकर बच्चों की पिटाई कराते, फिर उन्हीं बच्चों से दोस्ती कर धीरे-धीरे उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लेते थे. कुछ समय बाद वही बच्चे इनके शिकार बन जाते थे.

पैसे नहीं देने पर होती थी मारपीट

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि यह गैंग बच्चों से पैसे मांगता था और जो पैसे नहीं देते थे, उनके साथ मारपीट करता था. डरे-सहमे बच्चे अपने घरों से चोरी-छिपे पैसे निकालकर इन तक पहुंचाते थे. कई बच्चों से यह गिरोह 1,000 से लेकर 50,000 रुपये तक वसूल चुका था. कुछ मामलों में तो रकम लाखों में पहुंच गई थी.

सब-इंस्पेक्टर का बेटा निकला मास्टरमाइंड

इस गैंग का सरगना पुलिस लाइन में पदस्थ सब-इंस्पेक्टर का बेटा बताया जा रहा है. उसके साथ एक और छात्र भी इस रैकेट में शामिल था. दोनों ने मिलकर शहर के कई स्कूली बच्चों को धमकाकर उनसे पैसे वसूले.

शराब और वीडियो से ब्लैकमेलिंग का खेल

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी और उसके साथी बच्चों को जबरदस्ती नॉनवेज खिलाते, शराब पिलाते और उनके वीडियो बनाते थे. बाद में उन्हीं वीडियो को घरवालों को दिखाने की धमकी देकर बच्चों से पैसे ऐंठते थे. कई बार बच्चों को चोरी करने तक के लिए मजबूर किया गया ताकि वे पैसे लाकर दे सकें.

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परिजनों की शिकायत से खुला राज

यह मामला तब खुला जब कुछ बच्चों के परिजनों ने देखा कि उनके बच्चे डरे-सहमे रहते हैं. पूछताछ में बच्चों ने सारा सच बता दिया. इसके बाद परिजनों ने कोतवाली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. जांच में पता चला कि यह पूरी ब्लैकमेलिंग गैंग सात लड़कों की थी, जिनमें दो बालिग और पांच नाबालिग थे.

दो आरोपी गिरफ्तार, पांच को समझाइश देकर छोड़ा

कोतवाली पुलिस ने मुख्य आरोपी हर्ष भारती और उसके साथी मयंक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इनके खिलाफ आईपीसी की धारा 115(2), 308(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है. बाकी पांच नाबालिग लड़कों को नोटिस देकर उनके अभिभावकों के सुपुर्द कर दिया गया.

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पुलिस की सख्त जांच जारी

टीकमगढ़ के एडिशनल एसपी विक्रम सिंह ने बताया कि मामले की बारीकी से जांच जारी है. उन्होंने कहा कि जो भी इस गैंग में शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा. लगातार पीड़ित बच्चों और परिजनों से शिकायतें मिल रही हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

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