Vidisha: हरियाली महोत्सव के तहत लगाए गए हजारों पेड़ सूखे, "मंत्री जी" ने सवाल पर फेरा मुंह

Vidisha News: हरियाली महोत्सव के तहत विदिशा जिले में भी कई पौधे लगाए गए. अधिकारियों से लेकर नेताओं ने अपने नाम का एक पौधा लगाया. पौधे के साथ नाम की पट्टिका भी लगाई गई, लेकिन एक दिन के फोटो सेशन के बाद अधिकारियों ने इन पौधों की तरफ पलट कर नहीं देखा.

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Trees Dried in Vidisha: मध्य प्रदेश में हरियाली महोत्सव (Hariyali Mahotsav) के तहत तमाम जिलों में पौधे लगाए गए थे. लेकिन, वर्तमान में ये पौधे सूख (Trees Dried Up) चुके हैं. इन पौधों की देखरेख नहीं होने की वजह से ये पूरी तरह से सूख चुके हैं और इनका नामोनिशान मिट चुका है. बता दें कि वर्ष 2014 में मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में एक करोड़ 43 लाख 72 हजार 801 पेड़ लगाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रदेश का नाम दर्ज कराया गया था.

इसी की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार (MP Government) ने हरियाली महोत्सव के तहत प्रदेश के तमाम जिलों में पौधे लगाने की मुहिम शुरू की. जिसके बाद तमाम जिलों में हजारों पौधे लगाए गए. इन्हीं पौधों का हाल जानने के लिए NDTV की टीम ने मध्य प्रदेश के विदिशा जिले (Vidisha) में ग्राउंड रिपोर्ट की.

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हरियाली महोत्सव के तहत लगाए गए पौधे सूख चुके हैं.

मंत्री जी ने सवाल पर फेरा मुंह

बता दें कि हरियाली महोत्सव के तहत विदिशा जिले में भी कई पौधे लगाए गए. अधिकारियों से लेकर नेताओं ने अपने नाम का एक पौधा लगाया. पौधे के साथ नाम की पट्टिका भी लगाई गई, लेकिन एक दिन के फोटो सेशन के बाद अधिकारियों ने इन पौधों की तरफ पलट कर नहीं देखा. आज यहां हालात यह हैं कि इन पौधों की जगह मात्र लोहे की जालियां ही रह गई हैं. वहीं इस मामले में वर्तमान ग्रामीण मंत्री प्रहलाद पटेल (Minister Prahlad Patel) से NDTV की टीम ने सवाल किया तो उन्होंने सवाल सुनकर मुंह मोड़ लिया और आगे बढ़ गए.

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पौधों की देखरेख नहीं होने की वजह से यहां सिर्फ लोहे की जालियां ही रह गई हैं.

पेड़ के साथ लगाई गई थी नेम प्लेट

विदिशा जिले की ग्राम पंचायत सोंठिया में एक तालाब के चारों ओर हरियाली महोत्सव के तहत सैकड़ों की संख्या में पौधे लगाए गए. ये पौधे लगाने का मकसद प्रकृति को बचाना था. वर्ष 2017 से 2019 के बीच विदिशा में कलेक्टर रहे कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने सोठिया ग्राम पंचायत में बड़े कार्यक्रम का आयोजन कर धूमधाम से ये पौधे लगाए थे. इस दौरान जिन अधिकारियों ने पौधे लगाए उनके नाम की पट्टिका भी लगाई गई. लेकिन, एक दिन के फोटो सेशन के कार्यक्रम के बाद इन पौधों की किसी ने सुध नहीं ली. वर्तमान में सोंठिया पंचायत में पौधों की जगह उनकी निशानियां ही मौजूद रह गई हैं. इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि जब से पौधे लगाए गए उनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है. पंचायत पौधे लगाकर भूल गई, यह पौधे तो नष्ट होंगे ही.

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इन पौधों को लगाते समय जिनके द्वारा ये पौधे लगाए गए थे, उनके नाम की प्लेट भी लगाई गई थी.

वहीं विपक्षी दल कांग्रेस हरित महोत्सव को एक इवेंट बता रही है. कांग्रेस नेता पंकज जैन का कहना है कि सोठिया ग्राम पंचायत में अधिकारियों ने बड़े धूमधाम से पेड़ लगाए. आज सारे पेड़ सूख चुके हैं. भाजपा अपने तात्कालिक लाभ के लिए एक इवेंट के रूप में पेश करती है.

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