एमपी में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट रहा खराब, लेकिन प्रदेश के इस स्कूल ने किया कमाल?

Board Exam Result: बुरहानपुर की बुरहानपुर की अब्दुल कादिर सिद्दीकी शासकीय उर्दू कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल की बोर्ड परीक्षाओं में खराब परिणाम के लिए पहचान थी, लेकिन इस बार यहां के छात्राओं ने कमाल कर दिया है. यहां बुनकर गरीब की बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. बता दें कि ये कमाल शिक्षकों के अथक प्रयास से हुआ है.

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Abdul Qadir Siddiqui Government Urdu School Burhanpur Result: एक ओर 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के परिणाम में मध्य प्रदेश देशभर में सबसे फिसड्डी रहा. वहीं दूसरी ओर इसी प्रदेश के एक स्कूल ने कमाल कर दिया है. यहां शिक्षकों की नियुक्ति में देरी और किताबों की कमी के बावजूद बुनकर गरीब परिवारों की बेटियों ने उत्कृष्ट परिणाम दिया है. 

बुनकर गरीब की बेटियों ने किया उत्कृष्ट प्रदर्शन 

मध्य प्रदेश की सबसे पूरानी शासकीय उर्दू  कन्या हायर सेंकेंडरी स्कूल का 10वीं और 12वीं बोर्ड के परीक्षा में परिणाम अप्रत्याशित आया है. यहां बुनकर गरीब की बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है. दरअसल, बुरहानपुर की बुरहानपुर की अब्दुल कादिर सिद्दीकी शासकीय उर्दू कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल का इस साल 10वीं बोर्ड का रिजल्ट 52 प्रतिशत रहा, जबकि कक्षा 12वीं का परीक्षा परिणाम 84 प्रतिशत रहा. 

प्राचार्या और शिक्षकों ने मिशन मोड में किया काम

बता दें कि इस उर्दू स्कूल की पहचान पहले बोर्ड परीक्षाओं में खऱाब परिणाम के लिए हुआ करती थी, लेकिन स्कूल की नई प्राचार्या नफीसा अंसारी की अगुवाई में शिक्षकों ने टीम वर्क और बोर्ड कक्षाओं का उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम के लिए मिशन मोड में काम किया, जिसमें शिक्षक शत प्रतिशत सफल रह.

शिक्षकों का मानना है छात्राओं की यहां कुछ समस्याएं हैं जिसे सरकार हल कर दे तो इस स्कूल की छात्राएं निश्चित ही प्रदेश की प्रावीण्य सूची में अपना स्थान लाएगी. 

बुरहानपुर की शासकीय उर्दू कन्या हायर सेंकेंडरी स्कूल की छात्राओं ने क्या कहा?

10वीं बोर्ड परीक्षा में 87 प्रतिशत अंकों से पास हुई छात्रा अक्शा अंजूम कहती है कि जल्द सालाना परीक्षा होने से उन्हें पढ़ाई का समय कम मिला. उर्दू माध्यम का प्रश्न पत्र गुगल ट्रांस्लेट से दिया गया, जिससे प्रश्न पत्र की टर्मिनोलॉजी बदल गई, जिससे हमें काफी परेशानी हुई. अगर सालाना परीक्षा कुछ दिनों बाद होती और उर्दू माध्यम से प्रश्न पत्रों का अनुवाद विशेषज्ञ शिक्षकों से कराया जाता तो और अच्छे अंक प्राप्त होते.  

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10वीं बोर्ड में 75 प्रतिशत अंकों से पास हुई छात्रा आयशा अंजूम की भी कुछ ऐसी ही शिकायत है. उन्होंने दावा किया कि अगर सरकार हमारी इन समस्याओं का हल कर देंगी तो हम 12वीं बोर्ड में और बेहतर परिणाम देंगे.

10वीं बोर्ड में इन समस्याओं के चलते पिछड़ गई छात्रा मुनज्जा अंजूम कहती है, 'मैं 10वीं में 67 प्रतिशत अंकों से पास हुई.' कुछ ऐसा ही मलाल छात्रा अल्फिया वारसी का रहा, जिन्हें कक्षा दसवी बोर्ड 79 प्रतिशत अंक हासिल हुए.

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छात्रा सुमेरा अंजूम जो कि 10वीं बोर्ड में 88 प्रतिशत अंक से पास हुई है. वहीं जोया तबस्सुम इस परीक्षा में 69 प्रतिशत अंक हासिल की है. बता दें कि इन सभी छात्राओं की एक ही शिकायत है.

खऱाब परिणाम के लिए उर्दू कन्या हायर सेंकेंडरी स्कूल का हुआ करता था पहचान

गौरतलब है कि जिले की बुरहानपुर की अब्दुल कादिर सिद्दीकी शासकीय उर्दू कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल की बोर्ड कक्षाओं का परिणाम पिछले सालों की तुलना में काफी सुधार हुआ है. पालक अच्छे परिणाम के लिए स्कूल की प्राचार्या नफीस अंसारी और शिक्षकों के टीम वर्क की काफी सराहना की. 

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साथ ही पालक ने सरकार से शिक्षकों की कमी को जल्द से जल्द दूर करने की मांग की है. 

शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले मोहम्मद उजेर का कहना है कि देशभर में 10वीं और 12वीं बोर्ड में 65 लाख स्टूडेंट फेल हुए है. मध्य प्रदेश इस बार दूसरे नंबर पर है.

उन्होंने आगे कहा कि सरकारी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के ड्यूटी से मुक्त किया जाना चाहिए. त्रैमासिक व छह माही परीक्षाओं में कमजोर छात्रों की पहचान कर उनको मजबूत करने के लिए एक्सट्रा रेमेडियल क्लासेस लगाई जानी चाहिए. अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति हर साल देरी से होती है. सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नए शिक्षा सत्र के शुरू होने के पहले ही कर दी जाए.

देश भर में मध्य प्रदेश का प्रर्दशन रहा खराब

 बता दें कि देशभर में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में 65 लाख स्टूडेंट फेल हुए है. इस बार सबसे खराब प्रर्दशन करने में मध्य प्रदेश दूसरा सबसे बड़ा राज्य रहा है, जहां पर सबसे ज्यादा स्टूडेंट बोर्ड परीक्षाओं में फेल हुए है.

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