Satna: बहुचर्चित शिवम हत्याकांड में मृतक के परिजनों को लगा बड़ा झटका, कोर्ट ने सभी आरोपियों को किया बरी

आपको बता दें कि इस मामले में कोलगवां पुलिस (Satna Police) ने अदालत में पूरक चालान पेश किया था. जिसमें मामले के मुख्य आरोपी नितेश मिश्रा और संजय तिवारी को घटना के 14 साल बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था. जबकि हत्या की जघन्य वारदात जनवरी 2007 में अंजाम दी गई थी.

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शिवम मिश्रा हत्याकांड में अदालत ने 16 साल बाद फैसला सुनाया है.

Shivam Murder Case Verdict: मध्य प्रदेश के सतना शहर (Satna) के बहुचर्चित शिवम मिश्रा अपहरण एवं हत्याकांड के मामले में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज (ADJ) ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाया है. इस फैसले के बाद मृतक के परिजनों को गहरा झटका लगा है. अदालत (Court) ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए सबूतों के अभाव में मुख्य आरोपी नितेश मिश्रा समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. आपको बता दें कि अदालत का यह फैसला अपहरण और हत्या की वारदात के 16 साल बाद आया है. इस फैसले के बाद ट्रैक्टर व्यवसायी मृदुल मिश्रा और उनके परिवार के जख्म एक बार फिर हरे हो गए हैं.

आपको बता दें कि इस मामले में कोलगवां पुलिस (Satna Police) ने अदालत में पूरक चालान पेश किया था. जिसमें मामले के मुख्य आरोपी नितेश मिश्रा और संजय तिवारी को घटना के 14 साल बाद गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया था. जबकि हत्या की जघन्य वारदात जनवरी 2007 में अंजाम दी गई थी.

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क्या था पूरा मामला?

शहर के कोलगवां थाना अंतर्गत बांधवगढ़ कॉलोनी के एमआईजी 87 में रहने वाले ट्रैक्टर व्यवसायी का बेटा क्षितिज उर्फ शिवम, जो कि क्रिस्तुकुला स्कूल में कक्षा 4 में पढ़ता था. उसका अपहरण 29 जनवरी 2007 की शाम करीब सवा 5 बजे घर के नजदीकी स्टॉप से किया गया था. उस समय शिवम स्कूल बस से उतरा, लेकिन अपने घर नहीं पहुंच सका. कुछ देर बाद उसके अगवा हो जाने की खबर घरवालों को मिली. 

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बताया जाता है कि आरोपियों द्वारा अपहरण के कुछ देर बाद घर के लैंडलाइन नंबर पर कॉल कर अपहरण की जानकारी देते हुए 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी. साथ ही हिदायत दी गई थी कि पुलिस को इस मामले की खबर न हो. आरोपियों ने कहा गया था कि वे 2 दिन बाद फिर फोन करेंगे. इसके बाद 7 फरवरी 2007 को पुलिस शिवम के परिजनों को लेकर उमरिया जिले के इंदवार थाना गई. जहां सेजवाही जंगल में एक बच्चे का शव मिला था, जिसे पहचानना भी मुश्किल था. लेकिन बाद में उसकी पहचान शिवम के तौर पर की गई थी.

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एक आरोपी का हो चुका एनकाउंटर

अपहरण और हत्या के इस अपराध को लेकर पुलिस ने आईपीसी की धारा 364 ए, 302, 201, 34 के तहत डिंपल श्रीवास्तव, स्मोंटी सिंह, विकास सिंह, पुष्पेंद्र सिंह (पिंकू), पुष्पेंद्र सिंह (लाल), नितेश मिश्रा पिंटू और संजय तिवारी को आरोपी बनाया था. शहर के मुख्तियार गंज में रहकर पढ़ाई करने वाला डिंपल श्रीवास्तव उत्तर प्रदेश का नामी बदमाश था. शिवम हत्याकांड के बाद 22 मार्च 2007 को इलाहाबाद में उसका पुलिस से आमना-सामना हुआ, जिसमें वह मारा गया. जबकि अन्य कुछ आरोपियों की भी मौत हो चुकी है. मुख्य आरोपी सहित बाकी बचे आरोपी जेल में बंद हैं.

रिश्ते के चाचा पर था आरोप

बता दें कि इन हत्याकांड के मुख्य आरोपी नितेश मिश्रा उर्फ पिंटू के पिता रामचंद्र मिश्रा इस शहर के नामी वकीलों में गिने जाते हैं. मृतक शिवम के पिता मृदुल मिश्रा उनके सगे भतीजे हैं. शुरू से ही घटना को लेकर इसमें किसी बेहद करीबी व्यक्ति के शामिल होने की आशंका जताई जा रही थी. बाद में मृदुल मिश्रा के सगे ताऊ रामचंद्र मिश्रा के बेटे नितेश को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था. नितेश पर अपने चचेरे भाई के बेटे शिवम के अपहरण और हत्या के अपराध में शामिल होने का आरोप लगा था, फिलहाल वह दोष मुक्त हो चुका है.

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