Sidhi News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीधी जिले में आम लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए हर मंगलवार को जिला मुख्यालय में जनसुनवाई (Jan sunwai) आयोजित की जाती है. इसमें अभी तक राजस्व, पेंशन, खाद्यान्न और विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रकरण सामने आते रहे हैं. लेकिन पहली बार शिक्षा और शिक्षक से जुड़ा मामला सामने आया है. दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने 7 महीने पहले शासकीय विद्यालयों में चयनित शिक्षकों की नई पदस्थापना की थी. जिन्हें अभी तक वेतन नहीं मिला है. इसकी शिकायत के लिए शिक्षक जनसुनवाई केंद्र पहुंचे.
काम पूरा लेकिन पेमेंट नहीं हुआ!
सभी शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में जॉइनिंग के बाद काम शुरू कर चुके है. विद्यालय में आने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ाने-लिखाने के साथ शिक्षक खेल और अन्य विधाओं में भाग लेने के लिए भी उन्हें प्रेरित करते हैं. लेकिन, इधर शासन-प्रशासन लगातार शिक्षकों की उपेक्षा कर रहा है. पिछले सात महीने से अभी तक एक भी महीने उन्हें वेतन नहीं दिया गया है.
आर्थिक संकट से जूझ रहे शिक्षक
शासकीय विद्यालयों में पदस्थ नए शिक्षक अब आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए शिक्षक सीधी जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में संचालित शासकीय विद्यालयों में पदस्थ हैं. आर्थिक संकट के चलते शिक्षकों को अपनी आवाज बुलंद करनी पड़ रही है.
कलेक्टर से मिलने पहुंचे दर्जनों शिक्षक
ब्लॉक लेवल पर कोई सुनवाई न होने के चलते दर्जनों की संख्या में शिक्षक जिला मुख्यालय में आयोजित होने वाली जनसुनवाई में अपना आवेदन लेकर कलेक्टर से मिलने पहुंचे. वहां उन्होंने बाकायदा आवेदन पत्र दिया. लेकिन, अभी भी उन्हें आश्वासन ही मिल रहा है.
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इन शिक्षकों को है वेतन के लाले
जिले के मझौली और रामपुर नैकिन ब्लॉक के अंतर्गत संचालित शासकीय विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों में मनोज अहिरवार, लव कुश प्रजापति, नीरज प्रजापति, सूरज प्रसाद राठौर, कृष्ण कुमार कुशवाहा, ममता सूर्यवंशी, राहुल मालवीय, सहित अन्य कई शिक्षक इससे प्रभावित है.
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