MP Crime News: बैड टच के आरोप में फंसे राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक राम आशीष पांडे,  POCSO एक्ट में मामला दर्ज

Molesting News: आरोपी शिक्षक राम आशीष पांडे वर्ष 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों सम्मानित हो चुका है. उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर भी इन सम्मानों का उल्लेख किया है. अब वही शिक्षक छात्राओं के साथ अश्लील व्यवहार और बैड टच के आरोप में कानून के घेरे में आ गया है.

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Teacher Molesting Girls in Narmadapuram: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नर्मदापुरम जिले (Narmadapuram District) के सिवनी मालवा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बघवाड़ा में पदस्थ इतिहास के शिक्षक राम आशीष पांडे पर कई छात्राओं ने यौन उत्पीड़न और अश्लील हरकतों के गंभीर आरोप लगाए हैं. पीड़ित छात्राओं ने शनिवार को सिवनी मालवा थाने पहुंचकर शिक्षक के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया.

राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री से मिल चुका है सम्मान

आरोपी शिक्षक राम आशीष पांडे वर्ष 2013 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और 2017 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथों सम्मानित हो चुका है. उसने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर भी इन सम्मानों का उल्लेख किया है. अब वही शिक्षक छात्राओं के साथ अश्लील व्यवहार और बैड टच के आरोप में कानून के घेरे में आ गया है.

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'टेंपरेचर चेक” करने के बहाने करता था अश्लील हरकतें'

करीब आधा दर्जन छात्राएं थाने पहुंचीं और महिला पुलिस अधिकारी को शिकायती आवेदन सौंपा. छात्राओं ने बताया कि शिक्षक अक्सर उनके साथ अशोभनीय तरीके से छूता है और "टेंपरेचर चेक करो" जैसे बहाने बनाकर अश्लील हरकतें करता है. छात्राओं का कहना है कि जब वे विरोध करती हैं, तब भी वह जबरदस्ती करता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल भी इस संबंध में स्कूल प्रबंधन से शिकायत की गई थी, लेकिन तब मामले को दबा दिया गया. छात्राओं की मांग है कि आरोपी शिक्षक को तुरंत निलंबित किया जाए, ताकि आगे कोई छात्रा ऐसी हरकतों का शिकार न हो.

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बच्चियों के बयान दर्ज

मामले पर महिला जांच अधिकारी हेमलता ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में आया है. बच्चियों के बयान लिए जा रहे हैं. शिकायती आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है. जांच के बाद जो तथ्य सामने आएंगे, उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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इस घटना ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि सम्मान और पदवी चरित्र की गारंटी नहीं हो सकती. स्कूल जैसे पवित्र संस्थानों में भी अगर छात्राएं असुरक्षित महसूस करती हैं, तो यह हमारे सामाजिक ताने बाने के लिए खतरे की घंटी है. ऐसे मामलों में सख्त और समयबद्ध कार्रवाई आवश्यक है, ताकि आरोपी शिक्षक को कड़ा दंड मिल सके. 

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