Swamitva Yojana: 21वीं सदी की चुनौती प्रॉपर्टी राइट्स! MP से 15.63 लाख हितग्राही, PM Modi का 'मनोहर संवाद'

SVAMITVA Scheme: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने MP के मनोहर मेवाड़ा से कहा कि वे अपने गाँव के अन्य हितग्राहियों को भी स्वामित्व योजना के लाभ से अवगत करायें. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि देश के हर नागरिक का शीश गर्व से ऊँचा रहे और उसके जीवन में सुगमता आये.

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SVAMITVA Scheme: पीएम मोदी ने संपत्ति कार्ड वितरित किए

Swamitva Yojana in MP: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार 18 जनवरी को को दिल्ली से स्वामित्व योजना (Swamitva Yojana) अंतर्गत हितग्राहियों को संपत्ति अधिकार पत्रों के ई-वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ कर देशभर के 50 हजार से अधिक गांवों में 65 लाख प्रॉपर्टी कार्डों (Property Cards) का वितरण किया, जिनमें मध्यप्रदेश के 15 लाख 63 हजार हितग्राही शामिल हैं. प्रधानमंत्री ने योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद भी किया. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) सिवनी जिले से कार्यक्रम में शामिल हुए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामित्व योजना अंतर्गत सम्पत्ति कार्ड के ई-वितरण कार्यक्रम में सीहोर जिले की ग्राम पंचायत पीपलिया मीरा के हितग्राही मनोहर मेवाड़ा से वर्चुअल संवाद भी किया. PM मोदी ने मनोहर से स्वामित्व योजना में मिले सम्पत्ति कार्ड से उनके जीवन में आये बदलाव की जानकारी ली.

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक दिन : PM Modi 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि स्वामित्व योजना से गांव और गरीब सशक्त होंगे और विकसित भारत का सफर सुहाना होगा. भारत में पिछले लगभग 5 वर्ष में डेढ़ करोड़ ग्रामीणों को उनकी संपत्ति का स्वामित्व पत्र (प्रॉपर्टी कार्ड) दिया गया है. आज 65 लाख से अधिक हितग्राहियों को प्रॉपर्टी कार्ड दिया जा रहा है. इस प्रकार देश के लगभग सवा दो करोड़ ग्रामीणों को उनके घर का पक्का कानूनी दस्तावेज मिला है. भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में जलवायु परिवर्तन, जल संकट, स्वास्थ्य संकट और महामारी सहित कई चुनौतियां हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया के सामने एक और बड़ी चुनौती संपत्ति के अधिकार और कानूनी संपत्ति के दस्तावेजों की कमी है. प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें पता चला है कि विभिन्न देशों में कई लोगों के पास अपनी संपत्ति के लिए समुचित कानूनी दस्तावेज नहीं हैं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने इस बात पर जोर दिया है कि गरीबी कम करने के लिए लोगों के पास संपत्ति के अधिकार होने चाहिए.

प्रधानमंत्री ने एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री के बारे में बताया, जिन्होंने संपत्ति के अधिकारों की चुनौती पर एक किताब लिखी थी. उस किताब में बताया गया था कि ग्रामीणों के पास स्वामित्व वाली छोटी संपत्ति अक्सर "मृत पूंजी" होती है. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि संपत्ति का इस्तेमाल लेन-देन के लिए नहीं किया जा सकता है और इससे परिवार की आय बढ़ाने में मदद नहीं मिलती है. PM मोदी ने कहा कि भारत संपत्ति के अधिकारों की वैश्विक चुनौती से अछूता नहीं है. उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों की संपत्ति होने के बावजूद, ग्रामीणों के पास अक्सर कानूनी दस्तावेजों की कमी होती है, जिससे विवाद होते हैं और यहां तक ​​कि शक्तिशाली व्यक्तियों द्वारा अवैध कब्जा भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि कानूनी दस्तावेजों के बिना, बैंक भी ऐसी संपत्तियों से दूरी बनाए रखते हैं.

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स्वामित्व योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें ड्रोन का इस्‍तेमाल करके गांवों में घरों और जमीनों की मैपिंग करना और ग्रामीणों को आवासीय संपत्तियों के कानूनी दस्तावेज प्रदान करना शामिल है. उन्होंने कहा कि इस योजना के लाभ अब दिखाई देने लगे हैं. पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना के लाभार्थियों के साथ अपनी पिछली बातचीत का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि अब उन्हें अपनी संपत्तियों के लिए बैंकों से सहायता मिलती है, और उनकी संतुष्टि और खुशी स्पष्ट है. लाभार्थियों ने प्रधानमंत्री को बताया था कि कैसे इस योजना ने उनके जीवन को बदल दिया है. प्रधानमंत्री ने इसे एक बड़ा आशीर्वाद माना.

वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिना किसी भेदभाव के लोगों को उनकी सम्पत्ति के स्वामित्व का अधिकार दिया है. यह स्वामित्व का अधिकार सिर्फ भू-अधिकार ही नहीं बल्कि उनके स्वाभिमान का अधिकार है. इससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होंगे.

समाज के चारों स्तंभ सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता : CM

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि जनकल्याण अंतर्गत समाज के चार स्तंभ महिला सशक्तिकरण, युवा शक्ति, किसानों और गरीब कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं. प्रदेश सरकार महिला, युवा, गरीब और किसानों की जिंदगी बदलने के लिए लगातार काम कर रही है. सरकार ने युवा मिशन और गरीब कल्याण मिशन प्रारंभ किया है. इससे युवाओं के लिए रोजगार का प्रबंधन करने कीदिशा में कार्य किया जा रहा है. प्रदेश में 2.50 लाख पदों पर भर्ती की जायेगी, जिसमें सभी श्रेणियों के पद भरे जायेंगे. गरीब मिशन के अंतर्गत सभी गरीब परिवार और निम्न आय वर्ग वाले लोगों के लिए पक्के मकान होंगे.

'मनोहर संवाद'

SVAMITVA Scheme: सीहोर के मनोहर मेवाड़ा के साथ पीएम का संवाद

हितग्राही मनोहर मेवाड़ा ने बताया कि जब उनके पास अपनी जमीन का कोई कागज नहीं था. तब कोई भी बैंक हमें लोन नहीं देता था. स्वामित्व योजना में सम्पत्ति कार्ड मिल जाने से हमें आसानी से 10 लाख का लोन मिल गया. लोन से हमने डेयरी फार्म शुरू किया, जिसमें 5 गाय और एक भैंस है. प्रतिमाह 30 हजार रूपये की आमदनी हो रही है, जिसमें 16 हजार रूपये नियमित रूप से बैंक की किस्त भी जमा कर रहे हैं. डेयरी फार्म में मेरा परिवार भी सहयोग कर रहा है. खेती के साथ पशुपालन से होने वाली आय हमारे परिवार के लिये लाभप्रद हो रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने हितग्राही मनोहर का अनुभव सुन कर कहा कि मुझे खुशी है कि स्वामित्व योजना से आपके जीवन की मुश्किलें कम हुई हैं. मुझे यह देख कर अच्छा लगा कि केन्द्र सरकार की स्वामित्व जैसी योजनाओं से आप जैसे लाखों लोगों की आमदनी बढ़ रही है.

क्या है स्वामित्व योजना?

स्वामित्व योजना को प्रधानमंत्री द्वारा ग्रामीण भारत की आर्थिक प्रगति को बढ़ाने के दृष्टिकोण के साथ शुरू किया गया था, ताकि सर्वेक्षण के लिए नवीनतम ड्रोन तकनीक के माध्यम से गांवों में बसे हुए क्षेत्रों में घरों के मालिक परिवारों को 'अधिकारों का रिकॉर्ड' प्रदान किया जा सके.

यह योजना संपत्तियों के मुद्रीकरण को सुगम बनाने और बैंक ऋण के माध्यम से संस्थागत ऋण उपलब्ध कराने, संपत्ति संबंधी विवादों को कम करने, ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्तियों और संपत्ति कर के बेहतर मूल्यांकन की सुविधा प्रदान करने तथा व्यापक ग्राम-स्तरीय योजना बनाने में भी मदद करती है.

3.17 लाख से अधिक गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है, जिसमें लक्षित गांवों का 92 प्रतिशत हिस्सा शामिल है. अब तक 1.53 लाख से अधिक गांवों के लिए लगभग 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं. पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, त्रिपुरा, गोवा, उत्तराखंड और हरियाणा में यह योजना पूरी तरह से लागू हो चुकी है. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्यों और कई केंद्र शासित प्रदेशों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा हो चुका है.

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