Sharbat Jihad का नफरती बयान देकर घिरे राम देव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने खोला मोर्चा

Ramdev Baba Controversy Comments: पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो शूज जैसी कई बड़ी कंपनियों के मालिक मुस्लिम हैं, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू हैं. उन्होंने सवाल किया कि तो क्या वे अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जेहाद फैला रहे हैं और क्या उनमें काम करने वाले लोग जेहादी हैं?

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Baba Ram Dev Controversy Speech: योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) के शरबत ‘जेहाद' जैसा नफरती बयान देकर घिरते नजर आ रहे हैं. दरअसल, उनके इस घिनौनी बयानबाजी के खिलाफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने देश में धार्मिक सद्भाव के माहौल को बिगाड़ने का ‘कुत्सित प्रयास' करार देते हुए मंगलवार को थाने में एक शिकायत दर्ज कराई और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की.

अपनी शिकायत दर्ज कराने के बाद उन्होंने कहा कि रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला और वैमनस्यपूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है, जो भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. भोपाल के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त रश्मि अग्रवाल ने बताया कि दिग्विजय सिंह ने बाबा रामदेव के खिलाफ शिकायत देकर आरोप लगाया है कि उन्होंने लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस शिकायत की जांच कर रही है.

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राम देव ने ये दिया था बयान

गौरतलब है कि रामदेव का एक वीडियो पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें वह पतंजलि के शरबत का प्रचार करने के दौरान यह कहते हुए देखे और सुने जा सकते हैं कि शरबत के नाम पर एक कंपनी है, जो शरबत तो देती है, लेकिन शरबत से जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है. इसके बाद वह कहते हुए दिख रहे हैं कि अगर आप वो शरबत पिएंगे, तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे और पतंजलि का शरबत पिएंगे, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा, पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा. इसलिए मैं कहता हूं ये ‘शरबत जिहाद' है. जैसे ‘लव जिहाद', ‘वोट जिहाद' चल रहा है वैसे ही ‘शरबत जिहाद' भी चल रहा है.

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दिग्विजय ने इसलिए दी शिकायत

राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने कहा कि रामदेव ने अपने ‘गुलाब' शरबत को बेचने के लिए ‘रूह अफजा' शरबत को हिंदू-मुस्लिम विवाद में डाल दिया और मोहब्बत के शरबत को ‘शरबत जिहाद' का नाम दे दिया. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान ऐसे नफरत भरे बयान देने की मुखालिफत करता है, जो आपस में बैर भाव उत्पन्न करें और देश का सद्भाव बिगाड़ने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि रामदेव का यह बयान धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला, वैमनस्यपूर्ण एवं धार्मिक भावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला है तथा भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 196 (1) (क), 299 एवं आईटी कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध है.

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रामदेव के बयान को बताया असंवैधानिक

सिंह ने कहा कि ‘व्यापारी' रामदेव ने बिना नाम लिए, जिस शरबत कंपनी का जिक्र किया है, उस ‘हमदर्द' कंपनी को पूरा देश जानता है और यह हमारे देश में लगभग 100 वर्षां से आयुर्वेदिक एवं यूनानी दवाओं का व्यापार कर रही है. उन्होंने कहा कि 'व्यापारी' रामदेव का ‘रूह अफजा' शरबत का विरोध सिर्फ इसलिए है, क्योंकि उस कंपनी का मालिक मुस्लिम है. यह पूरी तरह से नफरत फैलाने वाला भाषण देने का मामला है और उक्त शरबत की बिक्री को ‘शरबत जिहाद' कहना असंवैधानिक है.''

इन सवालों के मांगे जवाब

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देश में विप्रो, सिप्ला, हिमालया एवं मेट्रो शूज जैसी कई बड़ी कंपनियों के मालिक मुस्लिम हैं, जिनमें काम करने वाले अधिकांश लोग हिन्दू हैं. उन्होंने सवाल किया कि तो क्या वे अपनी कंपनी के माध्यम से जन-मानस में आईटी, दवा, आयुर्वेद एवं जूता जेहाद फैला रहे हैं और क्या उनमें काम करने वाले लोग जेहादी हैं?

बिक्री बढ़ाने के लिए भावनाओं को भड़काया

स्थानीय टीटी नगर थाने में दर्ज शिकायत में सिंह ने कहा कि ‘व्यापारी' रामदेव ने अपने उत्पाद की बिक्री अधिक बढ़ाने के लिए देशवासियों में धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम किया है. उन्होंने कहा कि रामदेव ने अपने ‘एक्स' अकाउंट के माध्यम से जारी वीडियो से देशवासियों के मध्य घृणा, नफरत व द्वेष फैलाने का जो कार्य किया है, वह अत्यंत गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है.

कठोर कार्रवाई की मांग

उन्होंने आरोप लगाया कि पतंजलि के कई उत्पाद तय मानकों पर खरे नहीं उतरे, जबकि कई अन्य पर सक्षम अदालत ने प्रतिबंध लगा दिया. उन्होंने कहा कि रामदेव के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 196 (1)(क), 299 एवं आईटी कानून की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर उचित व कठोर कार्यवाही करने का कष्ट करें.

'रामदेव ‘झूठ, अफवाह और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की चलती-फिरती दुकान'

बाद में पत्रकारों से चर्चा में सिंह ने कहा कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए. मैं एक हफ्ते तक इंतजार करूंगा. अगर प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है, तो मैं अदालत का शरण लूंगा. सिंह ने रामदेव को ‘झूठ, अफवाह और सांप्रदायिकता का जहर फैलाने की चलती-फिरती दुकान' करार दिया और आरोप लगाया कि उनकी निगाह पूरे देश की बेशकीमती जमीनों पर है. उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश सरकार ने भी रामदेव को कई एकड़ जमीन दे रखी है, जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इंफोसिस कंपनी को दी गई जमीन इसलिए वापस ले ली गई थी, क्योंकि उसका उपयोग नहीं हो रहा था.उन्होंने कहा कि सरकार को इसी तर्ज पर रामदेव को दी गई जमीनों को भी वापस लेना चाहिए.

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भाजपा को लाभ पहुंचाने का लगाया आरोप

सिंह ने आरोप लगाया कि रामदेव केवल हिंदू धर्म के ‘सौदागर' हैं, जो ‘व्यापार' और भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए सांप्रदायिक जहर फैलाने का काम करते हैं. सिंह ने कहा कि वह रामदेव को बार-बार व्यापारी इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि जो भगवा वस्त्र पहनकर व्यवसाय करे, उसे कभी सम्मान के नजर से नहीं देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि रामदेव पूरी तरह से एक व्यावसायिक व्यक्ति हैं. 

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