Vidisha: स्वच्छता का सपना, गंदगी की सजा! विदिशा में करोड़ों रुपये खर्च फिर भी सुंदरता को लगा ग्रहण

Swachh Bharat Mission: बजट हर साल बढ़ता रहा. योजनाएं बनती रहीं. फोटो खिंचते रहे, लेकिन विदिशा का सच गटर में बहता रहा. अब सवाल यह है कि क्या नगर पालिका सिर्फ घोटालों और टेंडरों की मशीन बनकर रह गई है? क्या जनता का हक – साफ हवा, साफ पानी और साफ सड़क – अफसरों की फाइलों में दब चुका है?

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Swachh Bharat Mission: गंदगी ने निगला शहर का सौंदर्य

Swachh Bharat Mission: 2 अक्टूबर 2014, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से ऐलान किया-स्वच्छ भारत बनेगा, हर गली मोहल्ला चमकेगा. अरबों रुपये का बजट, योजनाओं का अम्बार, पोस्टरों पर महात्मा गांधी और झाड़ू लिए नेतागण. लेकिन अब साल है 2025 और ये तस्वीरें हैं मध्य प्रदेश के विदिशा शहर की, जहां गंदगी सिर्फ बदबू नहीं, बल्कि एक बीमारी बन चुकी है. इस बीमारी की सबसे बड़ी वजह नगर पालिका विदिशा है. “‘गाड़ी वाला आया... कचरा निकाल..." ये आवाज़ सुबह-सुबह सुनाई देती है, पर लगता है नगर पालिका के अफसर खुद उस कचरे को देखने नहीं निकलते. चौक-चौराहे, बाजार, कॉलोनियां, सरकारी दफ्तर – हर जगह गंदगी की मोटी परतें बिछी हैं.

Swachh Bharat Mission: विदिशा का हाल

कैसा है हाल? क्या कहते हैं स्थानीय?

शहर को पॉलिथीन मुक्त करने के बड़े-बड़े दावे पोस्टरों पर हैं, लेकिन ज़मीन पर सिर्फ पॉलीथीन के ढेर नजर आते हैं. क्या इसी को कहते हैं पॉलिथीन मुक्त शहर? शिवाजी चौक के व्यापारी ऋषि का कहना है कि "महीनों से मालवा सड़क के बीच में पड़ा है. लोग गिरते हैं, हादसे होते हैं, लेकिन नगर पालिका की नींद नहीं टूटती."

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जब जनता के जान-माल की जिम्मेदारी उठाने वाली नगर पालिका ही लापरवाह हो जाए, तो यह मलबा सिर्फ ईंट-पत्थर का नहीं, प्रशासन की सोच और नीयत का भी होता है.

Swachh Bharat Mission: विदिशा का हाल

एक अन्य व्यापारी का कहना है कि "नालों पर तार डाले गए थे, अब वो तार ही नालों में गिर गए हैं. वाहन गिर रहे हैं, पर नगर पालिका भगवान भरोसे चल रही है."

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स्वच्छता का प्रचार करने वाले विभाग के कार्यालय के बाहर की गंदगी देखकर, होर्डिंग पर छपी महात्मा गांधी की तस्वीर भी जैसे मुंह मोड़ लेती है.

Swachh Bharat Mission: विदिशा का हाल

2024 में विदिशा की स्वच्छता रैंकिंग 74वीं थी. अब हाल और बदतर हैं, लेकिन नगर पालिका के सीएमओ 10वीं रैंक लाने की बात कर रहे हैं. ये मज़ाक है या जनता से धोखा?

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