त्रेता युग में रामायण काल के दौरान पानी में तैरने वाले पत्थर के बारे में आपने सुना होगा लेकिन आज के समय में भी एक ऐसा पत्थर मिला है जो पानी में तैर रहा है. ये तैरने वाला पत्थर सूरजपुर जिले के राजापुर गांव में मिला है.
नहाने गए युवक को मिला "तैरने वाला पत्थर"
एक युवक नदी में नहाने गया था जिसके बाद उसे नदी में तैरता हुआ पत्थर दिखा. जिसके बाद उसने ये बात गांव वालों को बताई, जिसके बाद गांव वाले इस पत्थर को देखने गए. लोगों को जब इस चमत्कारिक पत्थर के बारे में पता चला तो इसको देखने के लिए लोगों का हुजूम लग गया. वैसे इस जिले में भगवान राम के वनवास के कई पौराणिक स्थल मौजूद हैं, ऐसे में भगवान राम की आस्था भी यहां चरम पर है. लेकिन तैरता हुआ पत्थर मिलने के बाद तो पूरा गांव राम की भक्ति में लीन हो गया है.
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दूर-दूर से आ रहे हैं लोग
ऐसा नहीं है केवल राजापुर गांव या सूरजपुर जिले के लोग ही इस चमत्कारी पत्थर को लेकर उत्साहित, आनंदित है बल्कि दूर दराज से लोग इस पत्थर के दर्शन के लिए आ रहे हैं. लोग इस पत्थर के दर्शन के साथ-साथ इसकी फोटो खींचने के लिए लालायित दिख रहे हैं.
ये तो आस्था की बात है लेकिन पत्थरों के पानी पर तैरने के कुछ वैज्ञानिक कारण और कुछ वजहें भी है. आइए आपको इससे भी अवगत कराते हैं.
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