Supreme Court का ऐतिहासिक कदम, आदमपुर खंती की जांच के लिए NEERI को दिया आदेश, जानिए पूरा मामला

Supreme Court to NEERI on Adampur Khanti: सर्वोच्च न्यायालय (SC) के इस ऐतिहासिक आदेश से आदमपुर खंती के आसपास रहने वाले हजारों रहवासियों और ग्रामीणों को एक बड़ी राहत मिलेगी. इस आदेश से यह आशा की जा सकती है कि आदमपुर और उसके आस-पास का भूजल (Ground Water) अब जहरीला होने से बचेगा. इसके अलावा, निकट स्थित अजनाल नदी के पानी (River Water Quality) की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

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Supreme Court of India: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल (Bhopal) शहर के संपूर्ण नगरी कचरे के निष्पादन (Disposal of Waste) के लिए बनायी गयी आदमपुर खंती (Adampur Khanti) के वैज्ञानिक निष्पादन (Scientific Execution) के विषय में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की विशेष बेंच (Supreme Court Special Bench) ने आज 9 जुलाई को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए खंती की वास्तविकता जांचने के लिए नेशनल नीरी (NEERI) यानी एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (National Environmental Engineering Research Institute) को आदेश पारित किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत करने एवं ज़मीनी हकीकत जानने के लिए NEERI, नागपुर को तीन माह का समय दिया है. इस दौरान NEERI को आदमपुर खंती की स्थितियों की विस्तृत जांच करनी होगी. इस मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर 2024 को निर्धारित की गई है.

रहवासियों को मिलेगी बड़ी राहत

सर्वोच्च न्यायालय (SC) के इस ऐतिहासिक आदेश से आदमपुर खंती के आसपास रहने वाले हजारों रहवासियों और ग्रामीणों को एक बड़ी राहत मिलेगी. इस आदेश से यह आशा की जा सकती है कि आदमपुर और उसके आस-पास का भूजल (Ground Water) अब जहरीला होने से बचेगा. इसके अलावा, निकट स्थित अजनाल नदी के पानी (River Water Quality) की गुणवत्ता में भी सुधार होगा.

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सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और NEERI की जांच से खंती में संचालित प्रोसेसिंग यूनिट्स की क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे वर्षों से पड़े कचरे के ढेर (लिगेसी वेस्ट) का भी निपटारा हो सकेगा, जो इस समस्या का मुख्य कारण है.

ग्रीनबेल्ट और प्रदूषण मुक्त गंगा की उम्मीद

आदमपुर खंती के चारों ओर ग्रीनबेल्ट (Green Belt Area) विकसित करना अनिवार्य होगा, जिससे न केवल स्थानीय पर्यावरण में सुधार होगा, बल्कि अजनाल नदी, जो गंगा की एक सहायक नदी है, वह भी प्रदूषण मुक्त हो सकेगी. इससे गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने में भी सफलता मिलेगी.

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सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश पूरे प्रदेश के लिए एक उदाहरण बनेगा. अब सरकारी एजेंसियों और जिम्मेदार विभागों को यह डर बना रहेगा कि यदि मामले में ढील दी गई, तो इसमें NEERI जैसे राष्ट्रीय संस्थानों से जांच कराई जा सकती है.

 पर्यावरणविद डॉ सुभाष सी पांडेय की याचिका पर हुई सुनवाई

आदमपुर खंती में पूरे शहर का नगरीय कचरा वर्ष 2018 से फेंका जा रहा था और बार-बार उसमें आग लगाई जा रही थी. इसे लेकर वरिष्ठ पर्यावरणविद डॉ सुभाष सी पांडेय ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), भोपाल में वर्ष 2023 में नगर निगम भोपाल (Nagar Nigam Bhopal) के विरुद्ध याचिका दायर की थी.

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डॉ पांडेय द्वारा दिए गए तथ्यों को सही मानते हुए NGT ने भोपाल नगर निगम पर 1 करोड़ 80 लाख रुपयों का जुर्माना लगाया था. नगर निगम भोपाल ने इस जुर्माने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर माफ करने का अनुरोध किया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने डॉ पांडेय द्वारा दिए गए वैज्ञानिक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर NEERI, नागपुर को अधिक सूक्ष्म और निष्पक्ष जांच का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक कदम के दूरगामी परिणाम होंगे. आदमपुर खंती के नजदीक रहने वाले हजारों ग्रामीणों और रहवासियों को स्वच्छ और शुद्ध पेयजल और शुद्ध हवा मिलेगी. भोपाल के राहवासियों को भी आदमपुर खंती से शुद्ध फल, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ मिल सकेंगे.

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