खजुराहो-झांसी फोरलेन पर आवारा मवेशियों का डेरा, हो रहीं दुर्घटनाएं, DPR में 7 करोड़ का प्रावधान लेकिन नहीं लगी सुरक्षा जाली

Accidents caused by stray cattle: खजुराहो-झांसी फोरलेन पर आवारा मवेशियों का डेरा रहता है, जिससे हर दिन दुर्घटनाएं होते रहती है. वहीं इन हादसों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है. इसके वाबजूद जिम्मेदार ऑल इज वेल बता रहे हैं.

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झांसी-खजुराहो फोरलेन पर आवारा मवेशियों से हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा जाली लगाने का मामला गोलमाल कर दिया गया है. फोरलेन निर्माण के डीपीआर में सुरक्षा जाली (बैरिकेडिंग) करने के लिए 7 करोड़ 6 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है, लेकिन टेंडर में इसका उल्लेख नहीं होने की वजह से निर्माण कंपनी पीएनसीने हाथ खींच लिए हैं और सड़क पर जाली नहीं लगाई गई, जिससे आवारा मवेशियों की फोरलेन पर मौजूदगी दिन रात रहती हैं, जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं.

चालकों से वसूले जा रहे रहे टोल टैक्स, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं 

झांसी खजुराहो फोरलेन का 85 किलोमीटर लंबा हिस्सा छतरपुर जिले में आता है. फोरलेन पर पचवारा और देवगांव में टोल प्लाजा के जरिए 180 रुपये टोल टैक्स वसूला जाता है. एनएचएआइ ने फोरलेन पर कार की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रतिघंटा और ट्रक की रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है. इसके लिए जगह-जगह बोर्ड भी लगाए गए हैं.

आदेश के वाबजूद नहीं किए जा रहे सुरक्षा के इंतजाम

फोरलेन पर रफ्तार की सुविधा के लिए और फोरलेन व अन्य सड़कों पर आवारा मवेशियों के चलते हो रहे हादसों को देखते हुए कलेक्टर संदीप जीआर ने जनपद सीईओ और निकाय सीएमओ को निर्देश दिया है कि सड़कों पर जानवर दिखें तो पशुपालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएं, लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है.

कलेक्टर संदीप जीआर ने हाइवे और मुख्य सड़कों से आवारा जानवरों को हटाने का भी निर्देश एनएचएआई और नगर पालिका को दिया हैं. इसके साथ ही आवारा जानवरों के सींगों पर रेडियम लगाने के लिए भी निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोग सतर्क रहे.

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क्यों जिम्मेदार वाहन चालकों की सुरक्षा को नजर अंदाज कर रहे? 

टोल वसूलने के वाबजूद वाहन चालकों की सुरक्षा को नजर अंदाज किया जा रहा है. बमीठा, पहाड़ी हीराजू, गंज, बसारी, बृजपुरा, छतरपुर शहर के बाइपास, दौरिया, पचवारा, अलीपुरा आसपास स्थाई रूप से आवारा मवेश डेरा जमाए हुए हैं. देवगांव के पास दिन हो या रात हमेशा मवेशियों का झुंड फोरलेन पर बैठा नजर आता है.

आवारा मवेशी बन रहे दुर्घटना की वजह

खजुराहो-झांसी हाइवे पर आवारा जानवरों के कारण लोग आए दिन हादसे का शिकार हो रहे हैं. कई लोग मौत के मुंह में समा चुके हैं. इसके बाद भी जानवरों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग (सुरक्षा जाली) का इंतजाम नहीं किया गया है, जबकि नेशनल हाइवे ऑथारिटी ऑफ इंडिया के नियमों के मुताबिक हाइवे किनारे बैरिकेडिंग होना अनिवार्य है.

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