शहडोल में आसमान से बरस रही आफत, जिले के सभी स्कूल-कॉलेज में छुट्टी

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जिले की सभी नदियां ऊफान पर हैं. जिसकी वजह से जिले की 12 वीं तक के सभी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है.

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मध्यप्रदेश के कई इलाकों में जोरदार बारिश हो रही है. खासकर शहडोल में लगातार 24 घंटे की बारिश से हालात खराब हो गए हैं. यहां 3 अगस्त की सुबह-सुबह ही 120 मिलीलीटर बारिश दर्ज की गई. जिसकी वजह से पूरा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. हालात को देखते हुए कलेक्टर वंदना वैध ने  कक्षा 1 से 12 तक के सभी सरकारी, निजी और केंद्रीय विद्यालय में छुट्टी का ऐलान कर दिया है. लोगों से अपील की गई है कि वे रपटे पुल पुलिया पर न जाएं क्योंकि वहां नदी का पानी ऊपर तक बह रहा है. वहां पुलिस अधिकारियों सहित होमगार्ड के जवानों की ड्यूटी लगाई गई है. इसके अलावा  PWD विभाग के लोगो को भी अलर्ट पर रखते हुए सभी रपटों में बेरिकेट्स लगवाए जा रहे है. 

जिले में कई नदी-नाले ऊफान पर हैं, लिहाजा पुलों के आसपास होमगार्ड के जवानों को तैनात किया गया है.

मौसम विभाग के मुताबिक जिले में 1 जून से लेकर अब तक  629 मिलीमीटर बारिश हुई है लेकिन गुरुवार की बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए.  भारी बारिश की वजह से टांकी ,नवलपुर, विचारपुर, पोंडा नाला कठना नाला,  कुनुक सहित सोन नदी में जलस्तर बढ़ गया है. ड़ना नदी का रपटा डूबने से शहडोल मानपुर मार्ग बंद हो गया है. NH 43 और रीवा शहडोल स्टेट हाइवे में भी जगह जगह पानी भरा हुआ है. शहर की अधिकांश सड़को और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन रही है. जिससे आवागमन में वाहनों को परेशानी हो रही है. कई जगहों पर रिहाइशी इलाकों में भी पानी घुस गया है. 

लगातार बारिश से शहर के रिहायशी इलाकों में आवाजाही से भारी परेशानी हो रह है.

वही शहडोल जिले के देवलोद बाणसागर, में स्थित बाणसागर बांध  में पानी का जलस्तर बढ़ रहा है. 3 अगस्त को बाणसागर डेम का जलस्तर 336.70 मीटर पहुंच गया. हालांकि राहत बात ये है कि ये अभी खतरे के निशान से करीब 5 मीटर नीचे हैं. बाणसागर डैम का पूर्ण भराव 341.64 मीटर है. शहडोल कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि एवम मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह ने बताया कि आने वाले दो दिनों में भी भारी बारिश की आशंका है. लगातार बारिश से खेतों में जलभराव होने से सोयाबीन मूंग औऱ उड़द की फसल को नुकसान हो सकता है. किसानों को चाहिए कि वे खेत में जल भराव न होने दें. हालांकि इस बारिश से धान की फसल को कोई नुकसान नहीं होगा.
 

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