जबलपुर के सिहोरा सिविल अस्पताल के डॉक्टर राघवेन्द्र त्रिपाठी की फेसबुक पोस्ट ने सनसनी फैला दी. उन्होंने दावा किया कि अस्पताल से ड्यूटी खत्म कर बाहर निकलते वक्त तीन युवकों ने उनके सीने पर बंदूक तानी, लेकिन बंदूक जाम हो जाने से उनकी जान बच गई. पोस्ट में डॉक्टर ने सिहोरा थाना प्रभारी (टीआई) पर एफआईआर दर्ज न करने का भी आरोप लगाया. डॉक्टर ने कहा कि पुलिस ने मामले को मामूली बताकर कार्रवाई से इनकार कर दिया.
डॉ. त्रिपाठी की यह पोस्ट कुछ ही देर में वायरल हो गई. डॉक्टर ने यह मामला जबलपुर स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को भी बताया, जिसके बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने एसपी से मुलाकात कर सरकारी डॉक्टर की सुरक्षा पर चिंता जताई. बाद में डॉ राघवेंद्र इसे फेसबुक से हटा दिया, लेकिन कई लोगों ने उसका स्क्रीनशॉट शेयर किया.
अब मामला उल्टा पड़ रहा
इधर, पुलिस द्वारा निकाले गए सीसीटीवी फुटेज में डॉक्टर के दावे उलटे पड़ते नजर आ रहे हैं. वीडियो में किसी युवक द्वारा बंदूक तानने की कोई घटना नहीं दिखी, बल्कि डॉक्टर त्रिपाठी खुद युवकों से मारपीट करते नजर आएय बताया जा रहा है कि मामला अस्पताल में गंदगी की वीडियो रिकॉर्डिंग से शुरू हुआ, जिस पर डॉक्टर ने आपत्ति जताई और बात इतनी बढ़ गई कि अगली सुबह हाईवे के एक ढाबे पर जाकर डॉक्टर ने तीनों युवकों से मारपीट की.
अब लापता है डॉक्टर
युवकों को चोटें आईं, लेकिन अस्पताल में इलाज तक नहीं मिल सका. फिलहाल डॉक्टर राघवेन्द्र त्रिपाठी का मोबाइल बंद है और वे लापता है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. एडिशनल एसपी सूर्यकांत शर्मा ने निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है.
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