सीधी जिलाधिकारी की जांच शुरू, 'टाइगर रिजर्व' से जुड़ा है केस, क्या महंगी पड़ेगी जंगल सफारी !

MP Forest Department : सीधी के जिलाधिकारी की जांच शुरू हो चुकी है. ये मामला  'संजय टाइगर रिजर्व' से जुड़ा है. उनके ऊपर निजी वाहन को 'टाइगर रिजर्व' के मुख्य क्षेत्र में ले जाने का आरोप लगा है.  

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संकेतिक फोटो.
सीधी (मप्र):

Sanjay Tiger Reserve : मध्य प्रदेश सरकार ने सीधी जिले के जिलाधिकारी द्वारा 'संजय टाइगर रिजर्व' के मुख्य क्षेत्र में कई बार अपना निजी वाहन ले जाने का आरोप लगने के बाद इस मामले में जांच शुरू कर दी है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने आरोप लगाया है कि जिलाधिकारी स्वारोचिष सोमवंशी वन्यजीव अधिनियम और एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं.

'अपनी निजी जिप्सी से बाघों के आवासों में जाते हैं'

वन विभाग को दी गई अपनी शिकायत में वन्यजीव कार्यकर्ता ने दावा किया है कि जिलाधिकारी अपने मित्रों के साथ हर सप्ताह सीधी जिले के 'संजय टाइगर रिजर्व' का दौरा करते हैं और अपनी निजी जिप्सी से बाघों के आवासों में जाते हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सोमवंशी वन विभाग के अधिकारियों पर दबाव डालते हैं और बुधवार दोपहर में जब नियमित पर्यटकों के लिए सुविधा बंद होती है, तब वह खुद सफारी पर जाते हैं.

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'आरोपों के संबंध में वन विभाग से एक पत्र मिला'

उन्होंने दावा किया कि जिलाधिकारी का वाहन देर रात तक प्रतिबंधित क्षेत्र में ही रहता है और वह वाहन से बाघों के बेहद करीब पहुंच जाते हैं.संजय टाइगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक अमित कुमार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्हें दुबे के आरोपों के संबंध में वन विभाग से एक पत्र मिला है. कुमार ने कहा, 'मझोली उपमंडल अधिकारी नरेंद्र रवि को इस मामले के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया. वह जल्द ही मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेंगे.' हालांकि, इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ही कुछ हो पाएगा. 

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