Kartikey Amanat Wedding: कार्तिकेय की अमानत! जोधपुर उम्मेद भवन पैलेस में शिवराज को मिला गिफ्ट, देखिए वीडियो

Kartikey Singh Chouhan Wedding: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों जोधपुर में अपने बड़े बेटे कार्तिकेय की शादी का जश्न मना रहे हैं. वहीं शादी के मंच पर उनके बेटे और बहू ने उन्हें अनमोल उपहार दिया.

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Kartikey Singh Chouhan Wedding: जोधपुर में शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह की शादी

Shivraj Singh Chouhan Son Kartikey Wedding: आज 6 मार्च को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बड़े बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान की अमानत बंसल से शादी की रस्में हुईं. वहीं शादी वाले स्टेज से वर-वधू ने शिवराज सिंह चौहान को उनका बर्थ-डे गिफ्ट भी दिया. जिसके बारे में केंद्रीय कृषि मंत्री ने लिखा कि कार्तिकेय और अमानत ने जन्मदिन पर श्री रामचरितमानस भेंटकर भावुक कर दिया. यह मेरे लिए अमूल्य उपहार है. श्री रामचरितमानस हमारे देश के जीवनमूल्य और संस्कृति के अनुरूप है. जो कहते है कि "परहित सरिस धर्म नहीं भाई"; मैंने जीवन में इसे ही उतारने का प्रयत्न किया है. जब कार्तिकेय-अमानत ने मुझे और धर्मपत्नी साधना को रामचरितमानस भेंट की तो सचमुच लगा कि हमारी शिक्षा और संस्कार, सफल व सार्थक हो गए.

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पिता के लिए कार्तिकेय का भावुक संदेश

शिवराज सिंह चौहान का जन्मदिन 5 मार्च को जोधपुर में मनाया गया. इस मौके पर कार्तिकेय सिंह ने लिखा है कि आदरणीय पिता जी, आपके चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम. आपके जीवन के 66 वर्षों की यात्रा केवल समय का लेखा-जोखा नहीं, बल्कि एक महान उ‌द्देश्य की कहानी है. आपने जैत की गलियों से निकलकर राजनीति के शीर्ष तक का सफर तय किया, लेकिन यह सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं थी यह संघर्ष, तपस्या, और राष्ट्र सेवा का अभूतपूर्व उदाहरण भी है. आपने हर क्षण जनसेवा को समर्पित किया, निःस्वार्थ भाव से समाज के उत्थान के लिए कार्य किया, और अपने कर्तव्यों को परिवार से ऊपर रखा.

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कार्तिकेय ने आगे लिखा कि सार्वजनिक जीवन आसान नहीं होता. जब कोई पूरे देश और प्रदेश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर होती है तो तो कई बार अपने परिवार को पर्याप्त समय देना संभव नहीं हो पाता. लेकिन आप अपवाद रहे-आपने न केवल प्रदेश को एक परिवार की तरह संभाला, बल्कि अपने छोटे से परिवार को भी उसी आत्मीयता और संस्कारों से सींचा. आपके व्यक्तित्व की विशालता, आपकी दूरदृष्टि और आपका बहुआयामी दृष्टिकोण यह सिद्ध करता है कि आप केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक आदर्श हैं, एक संस्था हैं, और मेरे लिए संपूर्ण ब्रह्मांड है.

कार्तिकेय सिंह चौहान अपनी पोस्ट में लिखते हैं कि मैं आपमें भगवान शिव की मूरत देखता हूं-जो संसार के सबसे बड़े संन्यासी भी हैं और गृहस्थ भी. शिव की तरह ही आपका हृदय भी विशाल है- एक ओर असीम दया, करुणा और प्रेम से भरा हुआ, तो दूसरी ओर अन्याय और अधर्म के विरुद्ध प्रचंड और कठोर. आपने सदैव गरीबों और वंचितों के लिए अपनी करुणा बरसाई, उनके उत्थान के लिए संघर्ष किया, लेकिन जब कहीं अन्याय देखा, तो उसका प्रतिकार करने में भी कभी पीछे नहीं हटे. आपका स्वभाव ठीक भोलेनाथ की तरह है-सज्जनों के लिए कोमल, प्रेममय और वात्सल्य से भरा, लेकिन दुर्जनों के लिए रौद्र, न्यायप्रिय और अडिग. आपके निर्णय, आपकी नीति, आपकी नेतृत्व क्षमता इस देश के लिए अमूल्य धरोहर हैं. आपने हमें सिखाया कि शक्ति का सही उपयोग समाज की भलाई के लिए होना चाहिए, अपने स्वार्थ के लिए नहीं. आपने हर चुनौती को एक अवसर की तरह लिया और हर कठिनाई को अपनी दृढ़ता से पार किया.

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विरासत में क्या मिला?

कार्तिकेय आगे लिखते हैं कि "लोग सोचते हैं कि मुझे विरासत में आपसे राजनीति मिली है, लेकिन वे नहीं जानते कि आपकी सबसे अनमोल धरोहर राजनीति नहीं, बल्कि संस्कार, सादगी, संघर्ष, सहृदयता, संवेदना, साहस, समर्पण और सहजता हैं. यही मेरी सबसे बड़ी पूंजी है, यही मेरा असली धन है. आपने हमें यह सिखाया कि जीवन केवल भौतिक सुखों के लिए नहीं, बल्कि एक बड़े उ‌द्देश्य के लिए होना चाहिए. जीवन का सार केवल कमाना और भोगना नहीं, बल्कि सेवा, त्याग और परोपकार में निहित है."

"आपने हमें रामचरितमानस और भगवद गीता के संस्कार दिए, जिससे हमारे जीवन में यह समझ विकसित हुई कि यह शरीर नश्वर है, लेकिन हमारी आत्मा अजर-अमर हैं. आपने हमे यह दृष्टिकोण दिया कि जीवन में स्थायी वही है, जो हम समाज और मानवता के लिए छोड़कर जाते हैं. आपने हमें सिखाया कि जब भी शक्ति मिले, उसे दूसरों के कल्याण में लगाना चाहिए. यही आपकी सबसे बड़ी शिक्षा है, और यही जीवन का सच्चा सार है."

"पिता जी, आपके भीतर अपार धैर्य है. आपने जीवन में चाहे कितनी भी ऊंचाइयों को छुआ हो, लेकिन सादगी और विनम्रता कभी नहीं छोड़ी. आपकी सबसे बड़ी ताकत आपका संतुलन है-भावनाओं में संतुलन, वाणी में संतुलन, परिवार संचालन में संतुलन, और राजनीति में संतुलन. आप इतने बड़े पद पर हैं, फिर भी आपके भीतर अहंकार का नामोनिशान नहीं. आपने हमें सिखाया कि पद और प्रतिष्ठा से बड़ा होता है चरित्र, और सफलता से ज्यादा जरूरी होती है इंसानियत. आपकी सादगी ही आपकी असली पहचान है. आपने हमें कभी विलासिता की ओर नहीं मोड़ा, बल्कि हमेशा यह सिखाया कि असली धन सच्चाई, मेहनत और ईमानदारी में है. आपने हमें आत्मनिर्भर बनाया, अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया, और जीवन की हर परिस्थिति का सामना करने के लिए मजबूत बनाया."

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"आज, जब मैं आपके जीवन को देखता हूं, तो गर्व से कह सकता हूं कि मैं एक ऐसे पिता का पुत्र हूं, जो केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं. आपकी हर सीख, हर अनुभव मेरे लिए एक अनमोल धरोहर है. आपने हमें यह सिखाया कि जीवन का असली सुख सेवा में है, त्याग में है, और परोपकार में है. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह आपको दीर्घायु दे, अपार ऊर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करे, ताकि आप इसी तरह अपने ज्ञान, अनुभव और नेतृत्व से इस देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाते रहें. आपका आशीर्वाद हमेशा हमारे साथ बना रहे, यही मेरी सबसे बड़ी कामना है."

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