Shivraj Singh Chauhan News: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों अपने बयानों के चलते सुर्खियों में रह रहे हैं. अब उन्होंने कहा है- कई लोग मुझे पूर्व चीफ मिनिस्टर कहते हैं...लेकिन अपन रिजेक्टेड नहीं हैं. आज भी लोग बोलते हैं…मामा,मामा,मामा. मैंने छोड़ दिया इसका मतलब ये नहीं है कि राजनीति नहीं करुंगा. मेरी राजनीति किसी पद के लिए नहीं, बड़े लक्ष्य के लिए है.अपन छोड़ के भी आए तो ऐसे आए कि हर जगह जनता का स्नेह और प्यार मिलता है. शिवराज ने ये बातें पुणे में आयोजित 13 वीं भारतीय छात्र संसद में कही. युवाओं के बीच पहुंच कर वे पूरे फॉर्म में नजर आए और खुलकर अपनी बातें रखीं.
मुझे बड़ा काम करना है: शिवराज
उन्होंने कहा कि मुझे स्वाभाविक रूप से लोगों के लिए जीना है. देश,प्रदेश और समाज के लिए कुछ बड़ा काम करना है.आज-कल दूसरे तरह के नेता भी हैं जो पॉलिटिक्स को ही करियर मान लेते हैं.वे लक-धक कपड़े पहनकर कुर्ता-पजामा और सतही राजनीति करने का प्रयास करते हैं. मैं कहना चाहता हूं कि राजनीति में आना चाहिए मैं यहां जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं. कई बार लोग सोचते हैं कि हम क्या करेंगे राजनीति में आकर? लेकिन ये मानसिकता सभी के लिए ठीक नहीं है. आप सोचो इंडिविजुअल रहकर काम करना चाहो तो अकेले रहकर कितना काम कर सकते हो. मैं शिवराज अकेला काम करता तो अपनी पत्नी के साथ 5-50 बेटियों की शादी करता- लेकिन मैं राजनीति में आया MLA बना, MP बना और मुख्यमंत्री बना तो लाखों शादियां हर साल होती हैं.
इस बार की जीत सबसे शानदार थी: शिवराज
शिवराज ने इस दौरान खुद की सियासत पर भी बात की. उन्होंने मंच से ही कहा- विधानसभा चुनावों में कई चुनावी विश्लेषकों ने कहा था कि मध्यप्रदेश में भाजपा नहीं जीतेगी. कांग्रेस ने घोषणा की थी कि क्लीन स्वीप करेंगे. मेरी पार्टी के कुछ नेता भी मुझसे कहते थे, मुश्किल है, नहीं हो पाएगा. मैंने तय किया कि किसी भी कीमत पर मैं पार्टी को जिताऊंगा, कोई ताकत मुझे जीतने से नहीं रोक सकती. एक संकल्प पैदा हुआ और उसके अनुरूप काम किया. जब परिणाम आए, तब कांग्रेस ने नहीं, भाजपा ने क्लीन स्वीप किया. सबसे ज़्यादा वोट आए और सबसे शानदार सीटें आईं.
मैं अहंकार में ये बातें नहीं बोल रहा: शिवराज
उन्होंने कहा कि ये बातें मैं अहंकार में नहीं बोल रहा. मैं लड़ता हूं एक क्षेत्र से. अब तक मैं 11-12 चुनाव लड़ा हूं एक मुझे लड़ाया था पार्टी ने. दिग्विजय सिंह जी जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे तो उनके खिलाफ भी लड़ने पहुंच गया था. लेकिन एक ही क्षेत्र से 11 बार जीता हूं और आज कोई मेरे क्षेत्र में जाकर देख लेना सरेआम मीडिया के सामने कह रहा हूं.मैं चुनाव में प्रचार करने नहीं जाता,एक दिन पहले फॉर्म भरने निकलता हूं तो गांव की जनता आती है मुझे थैली भेंट करती है. जिसमें पैसे और सूची होती है रामलाल के 100 रुपए, श्यामलाल के 200 रुपए और उस पैसे से अपन चुनाव लड़ते हैं.
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