ग्वालियर पुलिस कमिश्नर का फर्जी आदेश बनाकर बेच डाली 7 बीघा जमीन, ऐसे उजागर हुआ बड़ा फर्जीवाड़ा

Fake Order: ग्वालियर पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी आदेश बनवाकर 7 बीघा जमीन बेचने वाले शातिर युवक की तलाश में कोतवाली पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है. एडवोकेट को बेची गई जमीन के नामांतरण के दौरान शक के आधार पर आर्डर की जांच के बाद युवक के कारनामे का खुलासा हुआ.

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YOUTH SOLD LAND BY FAKE GWALIOR POLICE COMMISSIONER ORDER IN SHIVPURI, MP

Land Scam: शिवपुरी जिले में फर्जी तरीके से ग्वालियर पुलिस कमिश्नर का आर्डर तैयार कर लाखों रुपए की जमीन बेचने वाले एक शातिर युवक को पुलिस ने पकड़ा है. युवक ने कमिश्नर का फर्जी आदेश बनाकर बिक्री के लिए प्रतिबंधित 7 बीघा जमीन को ऊंचे दामों में बेच दिया. रजिस्ट्री कार्यालय द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद मामले का खुलासा हुआ.

ग्वालियर पुलिस कमिश्नर के नाम से फर्जी आदेश बनवाकर 7 बीघा जमीन बेचने वाले शातिर युवक की तलाश में कोतवाली पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है. एडवोकेट को बेची गई जमीन के नामांतरण के दौरान शक के आधार पर आर्डर की जांच के बाद युवक के कारनामे का खुलासा हुआ.

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7 बीघा जमीन बेचने के लिए कलेक्टर या कमिश्नर की अनुमति जरूरी थी

रिपोर्ट के मुताबिक नीमच जिले के प्रेमशंकर पुत्र देवीलाल तावड़े की शिवपुरी के नोहरी में करीब 7 बीघा जमीन थी. जमीन विक्रय के लिए वर्जित थी और उस जमीन को बेचने के लिए कलेक्टर या कमिश्नर की अनुमति आवश्यक थी. शातिर प्रेमशंकर ने ग्वालियर कमिश्नर कार्यालय के नाम से एक फर्जी आदेश पेशकर जमीन बेच दी.

कमिश्नर के फर्जी आदेश में प्रतिबंधित जमीन बेचने की अनुमति दी गई थी

कोतवाली पुलिस के मुताबिक शातिर प्रेमशंकर ने अक्टूबर माह में एडवोकेट जितेंद्र पुत्र मोहनलाल गोयल से जमीन का सौदा किया. एडवोकेट ने 10 अक्टूबर 2025 को लाखों रुपए में खरीदी जमीन अपने नाम रजिस्ट्री करवाई थी. पुलिस को मामले का पता चला तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. 

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फरार चल रहे आरोपी प्रेमशंकर की शिवपुरी के नोहरी में करीब 7 बीघा जमीन विक्रय के लिए वर्जित थी. जमीन को बेचने के लिए कलेक्टर या कमिश्नर की अनुमति आवश्यक थी. शातिर प्रेमशंकर ने ग्वालियर कमिश्नर कार्यालय के नाम से एक फर्जी आदेश पेशकर जमीन बेच दी.

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पुलिसिया जांच में ग्वालियर पुलिस कमिश्नर का आदेश निकला फर्जी

गौरतलब है जब जमीन के नामांतरण के दस्तावेज तहसील कार्यालय पहुंचा, तो तहसीलदार सिद्धार्थ भूषण शर्मा ने कमिश्नर के आदेश की पड़ताल करवाई. जांच में सामने आया कि कमिश्नर का आदेश फर्जी है. इसके बाद पंजीयक कार्यालय शिवपुरी को मामले की जानकारी दी गई.

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आरोपी प्रेमशंकर पर केस दर्ज कर तलाश में जुटी कोतवाली पुलिस

रजिस्टार कार्यालय की शिकायत पर उप पंजीयक आशुतोष दिनकर ने फर्जी कमिश्नर के आदेस पर अवैध रूप से जमीन मामले को कोतवाली पुलिस के सामने रखते हुए पूरे फर्जीवाड़े से पर्दा उठाया. फिलहाल पुलिस की गिरफ्त से दूर आरोपी प्रेमशंकर की तलाश के लिए कोतवाली पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है.

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