ITI प्रिंसिपल का भ्रष्टाचार! चपरासी की भर्ती के लिए मांग रहा था 30 हजार रुपये; वीडियो में खुली पोल

Shivpuri Viral Video: शासकीय आईटीआई कॉलेज में चपरासी की आउटसोर्स नियुक्ति को लेकर यह डील तय हुई थी कि पहले आउटसोर्स के रूप में अस्थाई चपरासी बनाया जाएगा फिर स्थाई किए जाने की कार्रवाई की जाएगी लेकिन स्थाई होने की बात तो दूर उसे 3 महीने में ही हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई.

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Shivpuri Viral Video: रिश्वत का मामला वायरल

Bribe Case Shivpuri: शिवपुरी जिले की पोहरी तहसील के अंतर्गत संचालित शासकीय आईटीआई से घूंसखोरी की खबर सामने आयी है, जहां आईटीआई के प्रभारी प्राचार्य ने आउटसोर्स के माध्यम से चपरासी भर्ती के एवज में 30 हजार रुपये चपरासी की भर्ती मांगे गए थे. इस सौदे के लिए युवक प्राचार्य के चैंबर में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेकर पहुंचा तो प्राचार्य ने उसे धक्का देकर भगाते हुए कहा कि नौकरी चाहिए तो पूरे 30 हजार लेकर आओ. हालांकि 10 हजार रुपये बाद में लेने की बात मानकर सौदा पक्का हो गया. पूरे मामले की कलई और भ्रष्टाचार के साथ सरेआम रिश्वतखोरी की पोल खोलता हुआ एक वीडियो सामने आने के बाद अब प्राचार्य अपना मुंह छिपाते हुए घूम रहे हैं. जानिए पूरा मामला.

जांच शुरू

रिश्वतखोरी की की पोल खोलता हुआ यह वीडियो कब का है, इसके संबंध में कोई खुलासा नहीं हो सका है. शिक्षा विभाग ने इस वीडियो के सामने आने के बाद मामले को जांच में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी है. जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि पूरे मामले की जांच करवा कर कुछ कहा जा सकता है. हालांकि इस मामले में सामने आए इस वीडियो की सत्यता और प्रामाणिकता पर एनडीटीवी अपनी तरफ से कोई दावा नहीं करता.

क्या है मामला?

नरेश नरवरिया आईटीआई पोहरी में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ हैं. उनक कक्ष में ललित कुशवाह नाम के शख्स को चौकीदार एवं चपरासी बनाने एवं उन्हें आगे चलकर परमानेंट करने के एवज में 30 हजार रुपये लेने की बात तय हुई थी जिसमें इस आदमी ने अपने बेटे के साथ प्राचार्य नरेश नरवरिया के हाथों में 20 हजार रुपये देता हुआ वीडियो में नजर आ रहा है. जब वह वादे के मुताबिक पूरे पैसे नहीं दे पाया तो उसको आईटीआई प्रभारी प्राचार्य ने धक्का देकर भगाने की कोशिश करते हुए दिखाई दिए.

चपरासी की नौकरी के बदले रिश्वत देने आए युवक और उसके पिता ने कहा कि बाकी का पैसा हम आपको इंतजाम करके एक-दो दिन में दे देंगे. तब प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि मैं क्या अपनी जेब से दूंगा, अगर नहीं है तो मैं हटा दूंगा, देना है तो पूरे पैसे दो ये कोई मेरी जेब मे थोड़ी जा रहे हैं.

ऐसे हुआ इस रिश्वतखोरी के मामले का भंडाफोड़

शासकीय आईटीआई कॉलेज में चपरासी की आउटसोर्स नियुक्ति को लेकर यह डील तय हुई थी कि पहले आउटसोर्स के रूप में अस्थाई चपरासी बनाया जाएगा फिर स्थाई किए जाने की कार्रवाई की जाएगी लेकिन स्थाई होने की बात तो दूर उसे 3 महीने में ही हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई.

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युवक और उसका पिता रिश्वत देते समय अपने साथ एक वीडियो मोबाइल को लेकर गए थे और अब जब आईटीआई का प्राचार्य उसे चपरासी की नौकरी से हटाने की बात कर रहा है तो उसने वीडियो वायरल कर उसे बेनकाब कर दिया.

अब मामले की करवा रहे हैं जांच

इस मामले में पोहरी अनुविभागीय अधिकारी मोतीलाल अहिरवार का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जा रही है. इसके संबंध में जांच पड़ताल की जा रही है और जो भी सत्य होगा उसके आधार पर कार्यवाही अंजाम दी जाएगी. फिलहाल इस पूरे मामले की किसी तरह से कोई पुष्टि नहीं है और वीडियो की सत्यता पर कुछ भी कहना जल्दबाजी है.

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