शिवपुरी पुलिस ने 6 करोड़ 21 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की चरस के साथ आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से 30 किलो 295 ग्राम चरस बरामद हुई है. आरोपी का चरस कनेक्शन नेपाल से जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच में पुलिस जुटी हुई है. आरोपी ने कोरोना ढाबा खोला था, लेकिन वह इतनी जल्दी अमीर हो गया कि उसकी लक्जरी लाइफस्टाइल देख पुलिस को भी शक हो गया. आरोपी ने कुछ दिन पहले ही एक लक्जरी कार खरीदी थी. पुलिस उसकी संपत्ति की भी जांच करेगी.
ऐसे पहुंची चरस और आरोपी के पास तक पुलिस
शिवपुरी एसपी अमन सिंह राठौड़ के अनुसार, गुरुवार को देहात थाना प्रभारी जितेंद्र मावई को सूचना मिली कि मझेरा गांव में कोटा-झांसी फोर लेन पर एक युवक चरस की बड़ी खेप लेकर पहुंचने वाला है. पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को पकड़ा तो उसके पास से दो बैग में रखे 60 पैकेट चरस और एक नई किओ कार जब्त की गई.
जांच में सामने आया कि संदीप सिंह ने यह खेप नेपाल से मंगवाई थी. नेपाल से टमाटर का व्यापार करने वाला मोहन ठाकुर यह खेप ट्रक में छुपाकर लाया था और संदीप को तस्करी करने वाला था. आरोपी से पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि नेपाल से मंगवाई गई चरस का राजस्थान की पार्टी से सौदा तय हुआ था, लेकिन पुलिस की दबिश से आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो गया था.
गुना में अफीम के साथ पकड़ा गया था यही आरोपी
पुलिस के अनुसार, कुछ महीने पहले गुना की केंट पुलिस ने आरोपी संदीप सिंह को 650 ग्राम अफीम के साथ पकड़कर जेल भेजा था. जेल में उसकी मुलाकात बंटी नाम के कैदी से हुई. बंटी ने संदीप को भरोसा दिलाया कि वह उसे राजस्थान की बड़ी पार्टी से मिलवा सकता है, जो चरस की भारी खेप खरीदने को तैयार है.
करीब एक माह पहले जब दोनों जेल से बाहर आए तब बंटी ने संदीप की मुलाकात राजस्थान की उस पार्टी से कराई, जो चरस खरीदने के लिए तैयार थी. इसके बाद संदीप सिंह ने नेपाल से चरस की खेप मंगवाई, जिसे मोहन ठाकुर नाम का टमाटर व्यापारी नेपाल से ट्रक में छुपाकर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पार करके शिवपुरी लाया और संदीप सिंह को सौंप दी.
डील के अनुसार, राजस्थान की पार्टी चरस लेने शिवपुरी आएगी, जिसके लिए मझेरा गांव (कोटा-झांसी फोर लेन) पर डिलीवरी पॉइंट तय किया गया, लेकिन इससे पहले ही पुलिस ने दबिश देकर संदीप सिंह को पकड़ लिया. चौंकाने वाली बात यह है कि आरोपी ने सिर्फ 7 दिन पहले ही नई किओ कार खरीदी थी, जिससे वह चरस की डिलीवरी देने पहुंचा था. आरोपी संदीप के पास से पिछले साल भी 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की चरस पुलिस ने बरामद की थी.
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ढाबे से लग्जरी जिंदगी तक का सफर
आरोपी संदीप सिंह ने दो-तीन साल पहले एक धाबे की शुरुआत की थी और अपना परिवार चला रहा था, लेकिन देखते ही देखते वह लग्जरी जिंदगी जीने लगा. एक के बाद एक आधुनिक संसाधन जिंदगी में शामिल होकर उसकी अमीरी बयां करने लगे. अब पुलिस पूछताछ कर उसकी संपत्ति का हिसाब-किताब जुटाने में लगी है. वहीं, दूसरी तरफ राजस्थान की वह कौन सी पार्टी है, जो नशे के लिए कीमत तय करके उसकी तस्करी करती है.
पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या नेपाल में नशे का कारोबार है और यह भारत कैसे पहुंचता है. इसके संबंध में भी पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है.