श्योपुर : चीता वायु और अग्नि को कूनो राष्ट्रीय उद्यान के बोमा में किया गया शिफ्ट

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया कि वायु और अग्नि चीतों की स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार को सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ दिया गया है. दोनों चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि दोनों चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं. (फाइल फोटो)
श्योपुर (मध्य प्रदेश):

भारत में 1952 में चीतों के विलुप्त हो जाने के बाद भारत में फिर से चीतों को बसाने की महत्वाकांक्षी योजना ने रविवार को एक वर्ष पूरा कर लिया. इसके तहत नर चीता गौरव और शौर्य को भी संगरोध बाड़े से बोमा में शिफ्ट कर दिया गया है.
दरअसल, दोनों चीतों के 27 जून को पृथकवास बोमा में शिफ्ट किया गया था. जिसके बाद से दोनों चीते वहीं थे. अधिकारियों ने बताया कि सारे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार को दोनों चीतों को बोमा बाड़े में शिफ्ट कर दिया गया है. 

दोनों चीते पूरी तरह स्वस्थ

एक आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया कि वायु और अग्नि चीतों की स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार को सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ दिया गया है. दोनों चीते पूरी तरह से स्वस्थ हैं. दोनों 27 जून से पृथकवास बोमा में थे, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम द्वारा रिहाई की प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी की गई.

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भारत में फिर से बसाए जा रहे हैं चीते

भारत में 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था. जिसके बाद चीतों को भारत में फिर से बसाने की परियोजना के तहत, पिछले साल 17 सितंबर को आठ नामीबियाई चीतों को कूनो के बाड़ों में छोड़ा गया था. जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे. इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचाए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि मार्च से अब तक तीन शावकों समेत नौ चीतों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 चीते और एक शावक स्वस्थ हैं.

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