MP में Paint घोटाला; 20 लीटर में 425 तो 4 लीटर पेंट की पुताई में लगे 233 लोग, शहडोल की स्कूलों में खेला

Shahdol Paint Scam: मध्य प्रदेश् में एक बार फिर नया घोटाला सामने आया है. इस बार सरकारी स्कूल में पुताई को लेकर जो भुगतान हुआ है उसका बिल सोशल मीडिया में वायरल है. आइए जानते हैं अजब-गजब मध्य प्रदेश में कैसे लीपापोती की गई है.

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Shahdol Paint Scam: मध्य प्रदेश में अब पेंट घोटाला

Shahdol Paint Scam: शहडोल जिले में सरकारी स्कूल में पुताई का बड़ा घोटाला उजागर हुआ है. ब्यौहारी के शासकीय हाई स्कूल ग्राम सकंदी में फर्जी देयक का मामला सामने आया, जिसमें 168 लेबर एवं 65 राज मिस्त्री मिलकर 4 लीटर ऑयल पेंट की पुताई के लिए लगे थे. इसके लिए 1,06,984 रुपये यानी एक लाख छह हजार नौ सौ चौरासी रुपये का भुगतान किया गया है. जिसका बिल सोशल मीडिया वायरल हो रहा है. वहीं एक अन्य स्कूल में भी 40 लीटर पेंट की पुताई में 275 लेबर और 150 राज मिस्त्री लगे थे. आइए जानते हैं पूरा मामला?

ऐसे समझें पूरा घोटाला

शहडोज जिले के जिले के ब्यौहारी में सकंदी एवं निपानिया गांव के स्कूलों में भ्रष्टाचार हुआ है. सकंदी में 168 मजदूर और 65 राज मिस्त्री ने काम किया और भुगतान भी हो गया. प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची द्वारा कोषालय से पैसा आहरित कर लिया गया है. इसी तरह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में 275 लेबर एवं 150 राज मिस्त्री 20 लीटर ऑयल पेंट पुताई कार्य में लगे थे. इस कार्य में 10 नग खिड़की लगाने एवं चार नग दरवाजे की फिटिंग हुई, जिसके बदले में 2 31 6 85 रुपये (दो लाख इकतीस हजार छह सौ पचास रुपये) निकाला गया है.

Shahdol Paint Scam: सकंदी स्कूल का बिल

अनुरक्षण मद से कराए गए कार्यों का कार्य के पूर्व फोटोग्राफ्स एवं कार्य होने के बाद फोटोग्राफ्स देयक के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है. जबकि कार्य कराने के पूर्व और कार्य समाप्त के बाद देयक के साथ फोटोग्राफ्स संलग्न नहीं किया गया, ट्रेजरी ऑफिसर द्वारा बिना फोटोग्राफ्स के ही देयक पारित कर भुगतान कर दिया गया है.

Shahdol Paint Scam: निपनिया स्कूल का बिल

बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है

दोनों विद्यालय में अनुरक्षण मद से कार्य कराया गया है. विद्यालय जहां स्थित है उन गांवों में इतने राज मिस्त्री और लेबर नहीं हैं. देयक सुधाकर कंस्ट्रक्शन ग्राम पंचायत ओदारी तहसील ब्यौहारी का संलग्न है. जिसमें प्राचार्य निपनिया द्वारा 4अप्रैल 2025 को देयक सत्यापित किया गया है. जबकि सुधाकर कंस्ट्रक्शन ओदारी तहसील ब्यौहारी द्वारा 5 मई 2025 को देयक  तैयार किया गया. अब प्रश्न यह उठता है कि एक महीना पहले ही प्राचार्य निपनिया द्वारा एक माह पहले उक्त बिल को सत्यापित कर दिया गया. जो कि अपने आप में ही कई प्रकार के प्रश्नों को जन्म दे रहा है. वहीं ट्रेजरी ऑफिसर द्वारा बिल का भुगतान कर दिया गया.

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