शहडोल : जिला चिकित्सालय में मरम्मत के नाम पर लीपापोती, गुणवत्ताहीन हो रहे कार्य

जगजाहिर है कि कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय भवन की मरम्मत दशकों से मात्र औपचारिकता भर होती है. कुछ ऐसा ही हाल वार्डों की मरम्मत और रेवोनेशन का है. इसे देखकर लगता नहीं है कि कभी इसकी मरम्मत हुई हो.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
मरम्मत के नाम पर लीपापोती
शहडोल:

मध्य प्रदेश के शहडोल में कुशाभाऊ ठाकरे जिला चिकित्सालय में मरम्मत के नाम पर लाखों रुपये की लीपापोती की जा रही है. दरअसल, जर्जर जिला चिकित्सालय की छत की मरम्मत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से 38 लाख रुपये स्वीकृत किये गए हैं. वहीं, वार्डो की मरम्मत और रेनोवेशन के लिए खनिज मद से लगभग 58 लाख रुपये स्वीकृत कर टेंडर जारी कर कार्य शुरू कराया गया. लेकिन 5 महीने बाद भी काम अधूरा पड़ा हुआ है.

बारिश के कारण अस्पताल के कमरों का प्लास्टर टूट कर गिर गया

छत मरम्मत के नाम पर पूरी तरह लीपापोती की जा रही है. केवल कुछ जगह वाटर प्रूफिंग पेंट लगाकर सालों पुरानी छत को ठीक करने के नाम पर लीपापोती की जा रही है, जिससे अधिकांश जगह अस्पताल भवन में अभी भी पानी का रिसाव हो रहा है. पिछले दिनों हुई बारिश से अस्पताल के दो कमरों का प्लास्टर भी टूट कर गिर गया. गनीमत यह रही उस समय वहां कोई मौजूद नहीं था.

Advertisement

शहडोल जिला हॉस्पिटल में छत मरम्मत और वार्डो की मरम्मत रेनोवेशन के नाम पर केवल लीपापाती की जा रही है

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने अस्पताल भवन की छत मरम्मत के लिए 38 लाख रुपये जारी किए हैं, लेकिन जर्जर छत में मात्र पेंट लगाकर पूरी राशि की बंदरबांट की जा रही है. 6 महीने बीत जाने के बाद भी अधिकांश जगह काम अधूरा पड़ा है.

Advertisement
शहडोल जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन G S परिहार का कहना है कि अभी ठेकेदार द्वारा पूरा काम नहीं किया गया है, जिसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया है.

वार्डों की मरम्मत के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है. अस्पताल भवन के सामने पुरानी जर्जर दीवार को बिना मरम्मत किए ही उसमे ACP लगाकर ढका जा रहा है और खनिज मद की राशि का पूरी तरह दुरुपयोग किया जा रहा है. इतना ही नहीं ACP के काम में भी लगभग 10 से15 लाख रुपये खर्च कर दिए गए हैं.

Advertisement

पानी के रिसाव से उखड़ने लगा नया पेंट पुट्टी

बता दें कि जिला अस्पताल का भवन काफी पुराना है. हर बार पुराने भवन की मरम्मत के नाम पर पेंट पुट्टी पीओपी कर बाहर से चमकाने की कोशिश कर दी जाती है. वहीं नया पेंट पुट्टी भी पानी के रिसाव से उखड़ने लगी है. जो घटिया काम और भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है, लेकिन जर्जर भवन की न छत की पूरी तरह मरम्मत की जाती है न दीवारों की. वहीं तेज  बारिश होते ही पुराना जर्जर प्लास्टर भी गिरने लगता है.

हालांकि मरम्मत के बाद भी कई जगहों से पानी का रिसाव को लेकर इंजीनियर अरविंद सिंह कहते हैं कि अभी अस्पताल भवन का काम अधूरा है, इसलिए पानी का रिसाव हो रहा है.

ये भी पढ़े: खतरे में ऐतिहासिक धरोहर प्राचीन गढ़, संरक्षित स्मारक के बावजूद असमाजिक तत्वों का बना डेरा