Good News: सीवरेज प्रोजेक्ट से शाजापुर में 100% घरों को जोड़ा गया, World Bank कर रहा है मदद

World Bank Fund: शाजापुर ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण की नई मिसाल पेश की है. शाजापुर में सीवरेज कनेक्शन के लगभग शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है. इस जिले में 13 हजार 260 घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ दिया गया है. वहीं जिले की बेटी सोनाक्षी और साक्षी सूर्यवंशी ने भोपाल में हुई राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में 'स्मार्ट सीवेज फ़ॉर सिविलाइज़्ड सोसाइटी' विषय पर अपने काम से पहचान बनायी है.

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Shajapur News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के नगरीय क्षेत्रों में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए चयनित नगरीय निकायों में नगरीय विकास एवं आवास विभाग विश्व बैंक (World Bank) की मदद से सीवरेज सिस्टम (Sewerage System) विकसित कर रहा है. शाजापुर में सीवरेज कनेक्शन (Sewerage Connection) के लगभग शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है. यहां 13 हजार 260 घरों को सीवरेज कनेक्शन से जोड़ दिया गया है. इसके साथ ही प्रदेश के शाजापुर जिले की दो छात्राओं ने स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जागरूकता की नई मिसाल पेश की है.

इन्होंने बढ़ाया जिले का मान

सीएम राइज स्कूल (CM Rise School) शाजापुर की सोनाक्षी और साक्षी सूर्यवंशी ने भोपाल में हुई राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में भाग लेकर साबित किया कि उम्र महज एक संख्या है, जब बात समाज और पर्यावरण की बेहतरी के लिए कुछ कर दिखाने की हो, तो च्चे भी इस अहम मुद्दे में पीछे नहीं हैं. राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में इनकी प्रस्तुति का विषय था ‘‘स्मार्ट सीवेज फ़ॉर सिविलाइज़्ड सोसाइटी‘ एक ऐसा मुद्दा, जो सीधे तौर पर हमारे स्वास्थ्य स्वच्छता और पर्यावरण से जुड़ा है. दोनों छात्राओं ने न सिर्फ नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्यप्रदेश अर्बन डेवपलमेंट कम्पनी द्वारा निर्मित सीवेज प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया, बल्कि इसे एक बड़े सामाजिक मुद्दे के रूप में समाज के सामने प्रस्तुत किया.

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शाजापुर की सीवरेज परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से संचालित है. यह परियोजना शहर के नागरिकों को स्वच्छ और स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रही है.

ऐसे किया गया है जागरुक

नागरिकों तक सीवरेज परियोजना का लाभ पहुंचाने के लिए सूचना, शिक्षा और संचार गतिविधियों के माध्यम से व्यापक जागरूकता फैलाने का सार्थक प्रयास किया गया. नुक्कड़ नाटक, महिलाओं की बैठकें, स्कूल-कॉलेजों में सेमिनार और घर-घर सम्पर्क के प्रयासों ने समाज को प्रेरित किया है. शाजापुर में उभर रही यह सोच दर्शाती है कि जब बच्चों को सही मार्गदर्शन और शिक्षा मिलती है, तो वे समाज में बड़े बदलावों की नींव रख सकते हैं. सोनाक्षी और साक्षी के प्रयासों को न केवल उनके स्कूल और समुदाय में सराहा जा रहा है, बल्कि विश्व बैंक और अन्य संस्थानों द्वारा भी इस पहल को समर्थन मिल रहा है.

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