Chit fund Scam : यहां चिटफंड कंपनी ने लोगों को लगा दी करोड़ों रुपये की चपत, ऐसे बुना था ठगी का जाल

Chit Fund Company Fraud :  टीकमगढ़ (Tikamgarh) जिले में एक चिटफंड कंपनी (Chitfund Company) ने बड़ा घोटाला किया है. करीब 10 सालों से ये चिटफंड कंपनी जिले के लोगों को ठगी का शिकार बना रही थी. अब कंपनी लोगों की गाढ़ी कमाई का पैसा लेकर फरार हो गई. पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई.

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Chit Fund Scam In Tikamgarh :  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के टीकमगढ़ (Tikamgarh)  जिले में पैसे दोगुना करने का लालच देकर लस्टिनेस जनहित क्रेडिट कोपॉरेटिव सोसायटी लिमिटेड द्वारा हजारों लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई. ठगी करने के बाद अब यह चिटफंड कंपनी  (Chit fund Company) फरार हो गई. जिले के हजारों खातेदारों की करीब 70 करोड़ रुपये से अधिक की राशि गोल होने की खबर है. पीड़ितों ने शुक्रवार को ठगी के मामले को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. 

टीकमगढ़ जिले में यह चिटफंड कंपनी तकरीबन 10 सालों से लोगों को चपत लगा रही थी. कंपनी 5 साल में लोगों को पैसे डबल करने का भरोसा दिलाकर ठगी कर भागी, तो लोग चौंक गए. पहले तो कंपनी ने लोगों की एफडी समय से वापिस करके उन्हें भरोसे पर लिया. फिर बड़ा खेल कर दिया.

कंपनी ने बदल लिया था नाम

मिली जानकारी के अनुसार कंपनी पहले स्वामी विवेकानंद के नाम से थी और फिर इसने अपना नाम बदलकर लस्टिनेस कर लिया था. यह चिटफंड कंपनी आवर्ती जमा,सावधि जमा,मासिक जमा और पैसे डबल करने को लेकर एफडी खोलती थी.कंपनी के झांसे में आकर जिले के कई लोग आकर पैसे निवेश कर दिए. लोगों को ठगी का पता तब चला जब उनकी एफडी टूटने का समय निकल गया. कस्टमर कंपनी के एजेंट के पास डबल हुआ पैसा लेने पहुंचे, तो पता चला कि चिटफंड कंपनी का ऑफिस बंद हो गया है.

चिटफंड कंपनी का बहुत बड़ा नेटवर्क था

इस मामले के बाद कंपनी की ठगी का शिकार हुए पीड़ित टीकमगढ़ कलेक्टर अवधेश शर्मा और जिला पुलिस अधीक्षक रोहित केसवानी के पास पहुंचे. संबंधित कंपनी की शिकायत दर्ज करवाई. टीकमगढ़ जिले में इस चिटफंड कंपनी का बहुत बड़ा नेटवर्क था, जिसमे 70 से लेकर 100 तक एजेंट थे. जो खातेदारों को अपने जाल में फंसाकर उनकी मेहनत की पूंजी जमा करवाते थे. पैसे डबल होने का लालच देते थे.

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मुंबई और दुबाई भाग गए कंपनी के बड़े अधिकारी

पीड़ित गिरीश कुमार ने बताया कि उन्होंने 80 हजार रुपये जमा किया था कि पांच साल में उनकी राशि दोगुनी होगी. मगर यह कंपनी भाग गई.  तो वहीं, दीपक कुशवाहा ने भी बताया कि उनके हजारों रुपये डूब गए. वहीं, इस कंपनी ने बेरोजगार लोगों को रोजगार का लालच देकर अपना एजेंट बनाया. एजेंटों का कहना है कि सोसायटी के अधिकारी लोग पैसे लेकर भाग गए, जिसमे समीर खान मुंबई से दुबई भाग गए. इसमें जो प्रमुख थे, वह इंदौर,मुंबई और दुबई के बताए जा रहे हैं.

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जिला प्रशासन पर उठ रहा सवाल?

पीड़ितों ने कहा, इसमें सबसे बड़ी लापरवाही जिला प्रशासन की है, जब 10 सालों से यह चिटफंड कंपनी जिले में लोगों को ठगने का काम कर रही थी, तो यह क्या कर रहे थे. वहीं, इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने कहा, इस मामले की जांच जारी है.

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