भाजपा विधायक की शिकायत पर कांग्रेस नेता पर SC-ST का मुकदमा दर्ज, पुलिस ने गिरफ्तार किया

सिंगरौली जिले में कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद राजनीति गरमा गई है. देवसर भाजपा विधायक राजेंद्र मेश्राम की शिकायत पर पुलिस ने भास्कर मिश्रा पर एससी-एसटी का मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

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सिंगरौली जिले के कोतवाली पुलिस ने देवसर भाजपा विधायक राजेंद्र मेश्राम की शिकायत पर कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा पर एससी-एसटी का मामला दर्ज किया है. वहीं, पुलिस ने भास्कर मिश्रा को गिरफ्तार कर गुरुवार सुबह न्यायालय में पेश किया. पिछले दिनों भास्कर मिश्रा ने देवसर विधायक पर अभद्रतापूर्ण टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इस दौरान भारी संख्या में कोतवाली पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने देवसर विधायक सहित भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अब सरकार विपक्ष के आवाज को दबाने का काम कर रहा है.

गौरतलब है कि कांग्रेस नेता भास्कर मिश्रा ने देवसर भाजपा विधायक राजेंद्र मिश्रा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुआ था. इसके बाद भाजपा विधायक राजेंद्र मेश्राम ने कोतवाली में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव भास्कर मिश्रा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जहां पुलिस ने एससी एसटी सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया.

कांग्रेसियों ने किया विरोध

वह गुरुवार सुबह एक मामले में भास्कर मिश्रा पीड़ित पक्ष की तरफ से कोतवाली पहुंचे थे. जहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर मेडिकल चेकअप कराते हुए न्यायालय में पेश किया. भास्कर मिश्रा की गिरफ्तारी की जानकारी लगते ही कांग्रेसी कोतवाली पहुंच गए. कांग्रेसियों ने भाजपा विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि देवसर विधायक सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं. भास्कर मिश्रा को झूठे केस में फंसाकर विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. भाजपा के इशारे पर पुलिस के इस कार्यवाही को तानाशाही रवैया बताया.

विपक्ष की भूमिका निभाने पर दर्ज हुए 14 मामले

कांग्रेस के पूर्व सचिव भास्कर मिश्रा की गिनती तेज तर्रार नेताओं में की जाती है, लेकिन एक तबका ऐसा भी है जो उन्हें यह भी कहता है कि वह कम समय में सुर्खियां बटोरने के लिए नियम कायदों को ताक पर रखकर काम करते है. उन्होंने कंपनियों में बेरोजगार युवाओं को काम दिलवाले की मांग पर कई बार चक्का जाम और आंदोलन किया तो कई बार सड़क हादसे को लेकर कोल ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. वहीं, स्थानीय बेरोजगारों से पैसे लेकर काम देने के खिलाफ भी कंपनियों का काम रोका. इस दौरान उनके खिलाफ अलग-अलग थानों में 14 मामले पंजीबद्ध हो गए.

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