करीब एक माह पहले बैंक फ्रॉड (bank fraud) की शिकायत लेकर 91 वर्षीय बुजुर्ग महिला कोलगवां थाने (police station) पहुंची थीं. लेकिन उनके आवेदन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. इस बात को लेकर 91 साल की गायत्री देवी श्रीवास्तव ने आमरण अनशन करने का ऐलान कर दिया. अब इस मामले की जांच जिला विशेष शाखा (डीएसबी) को सौंप दी गई है.
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क्या था मामला
बताया जा रहा है कि गायत्री देवी के तीन बेटे परिवार सहित बिलासपुर में रहते हैं. धोखाधड़ी से पहले गायत्री देवी अपने आवास घूरडांग में रहती थीं, जहां उनकी देखभाल संजय पयासी नामक व्यक्ति करता था. विगत दिनों संजय ने उनके बैंक अकांउट (bank account) से एक करोड़ 51 लाख रुपए चेक के माध्यम से ट्रांसफर करा लिए. मामले का खुलासा होने पर 91 वर्षीय वृद्धा ने अपने बेटे के जरिये पुलिस अधीक्षक (SP) को ज्ञापन सौंपा.
तहसीलदार की पत्नी हैं पीड़िता
उम्र के इस पड़ाव में पुलिस थानों के चक्कर लगा रहीं गायत्री देवी के पति अविभाजित मध्यप्रदेश के बिलासपुर में तहसीलदार के तौर पर पदस्थ थे. 1991 में उनका निधन हो गया, इस दौरान जो भी शासकीय सहायता राशि मिली गायत्री देवी ने बैंक खाते में जमा कर दिए. इसके अलावा कुछ संपत्ति बेच कर जो राशि प्राप्त हुई थी उसे भी इसी अकाउंट में जमा करा था. उन्होंने पेंशन का खाता अलग बैंक में खोल लिया और उससे अपने खर्च की धन राशि निकालती रहती थी. लेकिन इस बीच उनकी सेवा के लिए जो मददगार रखा गया था, उसी ने नाॅमनी बनकर पूरा पैसा ट्रांसफर करा लिया.
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RBI गाइड लाइन का उल्लंघन कर बैंक ने पास किया चेक
गायत्री देवी के पुत्र अशोक श्रीवास्तव ने आरोप लगाया है कि इस मामले में बैंक की भूमिका संदिग्ध है. अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि जिन दो चेकों से राशि ट्रांसफर हुई है वे आरबीआई की गाइडलाइंस का उल्लंघन कर पास किये गए हैं. उन्होंने कहा कि जब राशि का चेक क्लियर किया गया तब खाता धारक से कोई सहमति नहीं ली गई, जबकि दो लाख से अधिक की राशि के भुगतान में यह प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके अलावा चेक पास करने का अधिकार शाखा प्रबंधक को है ,लेकिन निचले स्तर के अधिकारियों ने चेक पास किये.