Bhopal: फ्रांस में 'भारत गौरव सम्मान' से सम्मानित होंगे संतोष चौबे, लक्समबर्ग पैलेस पेरिस में आयोजित होगा अलंकरण समारोह

MP News: मध्य प्रदेश का नाम एक बार फिर पूरी दुनिया में गूंजने जा रहा है. एमपी के संतोष चौबे को फ्रांस में खास सम्मान मिलने वाला है..

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संतोष पांडे को फ्रांस में मिलेगा सम्मान

Madhya Pradesh in World: साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और कौशल विकास (Skill Development) के क्षेत्र में पांच दशकों से सक्रिय संतोष चौबे (Santosh Chuabey) को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय 'भारत गौरव सम्मान–2024' (Bharat Gaurav Samman 2024) से अलंकृत किया जाएगा. संतोष चौबे को यह सम्मान लक्जमबर्ग पैलेस, फ्रांस सीनेट, पेरिस में आयोजित भव्य सम्मान समारोह में 5 जून 2024 को प्रदान किया जाएगा. भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (Indian Engineering Services) तथा भारतीय प्रशासनिक सेवा (Indian Administrative Services) के लिए चयनित संतोष चौबे, वर्तमान में रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय के चांसलर हैं तथा आईसेक्ट नेटवर्क, राज्य संसाधन केन्द्र, वनमाली सृजन पीठ एवं टैगोर अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला केन्द्र के अध्यक्ष हैं. 

हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए कर चुके हैं कई काम

उल्लेखनीय है कि संतोष चौबे हिन्दी साहित्य तथा भाषा को बढ़ावा देने के लिए लेखन के साथ-साथ विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सतत सक्रिय हैं. इसके साथ ही विज्ञान, तकनीकी और कौशल विकास के क्षेत्र में भी वह अनवरत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. उन्होंने पिछले 40 वर्षों में पूरे भारत में चालीस हजार से अधिक प्रशिक्षण एवं सेवा केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित किया, जो हजारों लोगों को रोजगार देने के अलावा डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी महत्त्वपूर्ण योजनाओं में भागीदारी कर रहा है.

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मध्य प्रदेश के साथ देश का नाम किया हैं ऊंचा

वर्तमान में संतोष चौबे नाटक और कलाओं की पुरस्कृत और प्रतिष्ठित अंतर्विधायी पत्रिका 'रंग संवाद' के प्रधान संपादक हैं. उनके द्वारा संपादित मध्य प्रदेश के दो सौ से अधिक कथाकारों पर केन्द्रित कथाकोश 'कथा मध्यप्रदेश' को राष्ट्रव्यापी ख्याति मिल चुकी है.

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इसी क्रम में 'विश्व रंग' के अवसर पर उन्होंने देश भर के 600 से अधिक कथाकारों के कथा संचयन 'कथादेश' को 18 खंडों में सम्पादित किया है. वनमाली कथा सम्मान 2022 के अवसर पर प्रकाशित, भोपाल के एक सौ पचहत्तर से अधिक कथाकारों पर केन्द्रित 'कथा भोपाल' तथा हिन्दी में विश्व की 200 से अधिक विज्ञान कथाओं को 'विज्ञान कथा कोश' के वे प्रधान सम्पादक हैं.

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