Sanchar Saathi App: संचार साथी एप को लेकर उठे सवाल; सिंधिया ने कहा- अनिवार्य नहीं, यूजर्स कर सकते हैं डिलीट

Sanchar Saathi App: मोबाइल हैंडसेट पर संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के DoT के निर्देशों पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "यह एक जासूसी ऐप है...नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है. हर किसी को परिवार, दोस्तों को मैसेज भेजने की प्राइवेसी का अधिकार होना चाहिए." वहीं सिंधिया ने इस बारे में कहा कि "जब विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, और विपक्ष मुद्दा ढूंढना चाहता है तो हम उनकी मदद नहीं कर सकते. हमारा कर्तव्य है कि हम उपभोक्ताओं की मदद करें और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें."

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Sanchar Saathi App: संचार साथी एप को लेकर उठे सवाल; सिंधिया ने कहा- अनिवार्य नहीं, यूजर्स कर सकते हैं डिलीट

Sanchar Saathi App: संचार साथी ऐप पर विवाद के बीच, केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि यह ऐप अनिवार्य नहीं है और यूजर चाहे तो इसे आसानी से अपने मोबाइल से डिलीट कर सकते हैं या फिर पंजीकरण कर इस्तेमाल कर सकते हैं. सिंधिया ने कहा कि सरकार का उद्देश्य आम जनता की सुरक्षा करना है. जैसे-जैसे संचार की सुविधा आम लोगों तक पहुंची है. कुछ लोग इसका इस्तेमाल लोगों के साथ धोखाधड़ी करने के लिए कर रहे हैं और इसे रोकने में संचार साथी काफी मददगार साबित हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि संचार साथी ऐप के माध्यम से जन भागीदार के जरिए आज तक करीब 1.75 करोड़ फर्जी मोबाइल कनेक्शनों को रद्द किया गया है. इससे करीब 7.5 लाख चोरी मोबाइल फोन को उपभोक्ताओं के पास पहुंचाया है. साथ ही 21 लाख मोबाइल कनेक्शनों को उपभोक्ताओं की रिपोर्टिंग के आधार पर काटा गया है.

कांग्रेस ने क्या कहा?

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मोबाइल हैंडसेट पर संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल करने के DoT के निर्देशों पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "यह एक जासूसी ऐप है...नागरिकों को प्राइवेसी का अधिकार है. हर किसी को परिवार, दोस्तों को मैसेज भेजने की प्राइवेसी का अधिकार होना चाहिए...वे इस देश को हर तरह से तानाशाही में बदल रहे हैं. संसद इसलिए काम नहीं कर रही है क्योंकि सरकार किसी भी चीज़ पर बात करने से मना कर रही है. विपक्ष पर इल्ज़ाम लगाना बहुत आसान है. वे किसी भी चीज़ पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं... एक स्वस्थ लोकतंत्र चर्चा की मांग करता है..."

सिंधिया का पलटवार

सिंधिया ने कहा कि देश के हर नागरिक की डिजिटल सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. ‘संचार साथी' ऐप का उद्देश्य है कि प्रत्येक व्यक्ति अपनी निजता की रक्षा कर सके और ऑनलाइन ठगी से सुरक्षित रह सके. यह एक पूरी तरह स्वैच्छिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था है-यूज़र चाहें तो ऐप को सक्रिय कर इसके लाभ ले सकते हैं, और न चाहें तो, वे किसी भी समय इसे अपने फ़ोन से आसानी से डिलीट कर सकते हैं. उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि संचार साथी पर लगातार बढ़ रहा है लोगो का विश्वास

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  • 20 करोड़+ लोग अब तक पोर्टल का उपयोग कर चुके हैं.
  • 1.5 करोड़+ यूज़र्स ऐप से जुड़े हुए हैं.
  • नागरिकों द्वारा ‘Not My Number' चुने जाने पर 1.43 करोड़+ मोबाइल कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए.
  • 26 लाख मोबाइल फ़ोन ट्रेस हुए, जिनमें से 7.23 लाख फ़ोन सफलतापूर्वक नागरिकों को लौटाए गए.
  • नागरिकों द्वारा रिपोर्ट किए गए 40.96 लाख फर्जी मोबाइल कनेक्शन डिस्कनेक्ट किए गए.
  • 6.2 लाख फ्रॉड-लिंक्ड IMEIs ब्लॉक किए जा चुके हैं.

सिंधिया ने कहा कि यह पहल प्रोटेक्शन, पारदर्शिता और कस्टमर-फर्स्ट दृष्टिकोण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संचार साथी का इस्तेमाल पूरी तरह से उपभोक्ता पर निर्भर करता है. यूजर चाहे तो उसे अपने मोबाइल में पंजीकरण के माध्यम से एक्टिव कर सकता है या जरूरत न होने पर उसे अपने मोबाइल से हटा (डिलीट) भी कर सकता है. सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण ऐसे समय में आया है जब भारत में उपयोग के लिए निर्मित या आयातित सभी नए मोबाइल हैंडसेटों पर संचार साथी मोबाइल एप्लीकेशन को पहले से इंस्टॉल करने के केंद्र के फैसले को गोपनीयता के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा था.

28 नवंबर को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, मोबाइल निर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि पहले से इंस्टॉल किया गया संचार साथी एप्लीकेशन अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए पहली बार उपयोग या डिवाइस सेटअप के समय आसानी से दिखाई दे और सुलभ हो और इसकी कार्यक्षमताएं अक्षम या प्रतिबंधित न हों.

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