हड़ताल के लिए तैयार रीवा-सागर-जबलपुर के जूनियर डॉक्टर, चार महीने से नहीं मिला वेतन

Junior Doctors Strike: जूनियर डॉक्टरों की यह हड़ताल में रीवा, सागर और जबलपुर के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में होगी. बता दें कि रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पीजी के छात्र, संजय गांधी अस्पताल रीवा में जूनियर डॉक्टर के रूप में काम करते हैं.

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Strike of Junior Doctors in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के रीवा, सागर और जबलपुर मेडिकल कॉलेज (Medical College) के जूनियर डॉक्टर हड़ताल (Junior Doctors Strike) की तैयारी कर रहे हैं. पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण जूनियर डॉक्टरों ने 10 जनवरी को काली पट्टी पहनकर काम पर आने का फैसला किया है. इसके साथ ही डॉक्टरों ने काम बंद करने का अल्टीमेटम (Strike Ultimatum) भी दे दिया है. जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि जब तक उनका वेतन नहीं दिया जाएगा, तब तक वे काम नहीं करेंगे. वहीं अस्पताल प्रशासन (Hospital Administration) की कहना है कि उनके पास साल भर का वेतन होता है, समय रहते सब ठीक कर लिया जाएगा.

जूनियर डॉक्टरों की यह हड़ताल में रीवा, सागर और जबलपुर के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में होगी. बता दें कि रीवा के श्याम शाह मेडिकल कॉलेज के पीजी के छात्र, संजय गांधी अस्पताल रीवा में जूनियर डॉक्टर के रूप में काम करते हैं. संजय गांधी अस्पताल में पहले भी ऐसी समस्याएं आ चुकी हैं, जिसके चलते जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे.

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11, 12 और 13 जनवरी को करेंगे हड़ताल

जूनियर डॉक्टरों (जूडा) ने 10 जनवरी को काली पट्टी लगाकर काम करने का फैसला किया है. इसके बाद 11 और 12 जनवरी को जूडा रूटीन सेवाएं बंद करेंगे और 13 जनवरी को आकस्मिक सेवाएं भी बंद कर देंगे. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें महीने की पांच तारीख से पहले नियमित रूप से वेतन मिलना चाहिए. रीवा, सागर और जबलपुर में हमेशा वेतन को लेकर समस्याएं आती हैं. जब हम स्ट्राइक करते हैं तभी वेतन मिलता है.

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जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन रीवा के अध्यक्ष आशीष द्विवेदी का कहना है कि वे पूरा अस्पताल चलाते हैं. अस्पताल में 24 घंटे जूडा मौजूद होते हैं. इसके बावजूद सरकार उनकी वेतन रोक देती है. जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल की जानकारी अस्पताल प्रबंधन को दे दी है. जिसके बाद यह मामला सरकार तक पहुंच गया है. वहीं इस मामले रीवा के संजय गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा का कहना है कि प्रबंधन के पास डॉक्टरों का साल भर का वेतन होता है. हमारे यहां कोई दिक्कत नहीं होगी. समय रहते सब कुछ ठीक कर लिया जाएगा.

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संजय गांधी अस्पताल का पहले से बुरा हाल

रीवा के संजय गांधी अस्पताल की स्थिति पहले से ही खराब है. जूडा के हड़ताल पर जाने पर यहां की स्थिति और भी बिगड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है. बता दें कि सरकार द्वारा पैसे नहीं मिल पाने के चलते अस्पताल में दवाइयों की कमी है. जिसके चलते यहां के मरीजों को खुद के पैसों से दवाइयां खरीदनी पड़ रही हैं. संजय गांधी अस्पताल में करीब एक करोड़ की दवाएं मरीजों को बांटी जाती हैं.

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