Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के सागर में दशहरा के मौके पर नगर निगम द्वारा आयोजित रावण दहन कार्यक्रम से पहले ही सियासी घमासान शुरू हो गया है.भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी अब खुले मंचों तक पहुंच गई है. सागर की महापौर संगीता तिवारी ने निगम आयुक्त राजकुमार खत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए ऐलान किया है कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी.
महापौर का आरोप है कि नगर निगम आयुक्त लगातार उन्हें अपमानित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि रावण दहन कार्यक्रम के आमंत्रण पत्र में उनका नाम जिला अध्यक्ष के बाद पांचवें नंबर पर रखा गया, जबकि वह नगर की प्रथम नागरिक हैं. यही नहीं, पहले भी कई मौकों पर उन्हें नजरअंदाज किया गया है.
महापौर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “मुख्यमंत्री के पद्माकर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में जानबूझकर मुझसे उनका स्वागत नहीं कराया गया. कन्यादान योजना के तहत चेक वितरण कार्यक्रम में मुझे पूरे 40 मिनट तक इंतजार कराया गया. स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत नगर निगम द्वारा लगाए गए वोकल फॉर लोकल मेले में जब मैं पहुंची, तो न आयुक्त आए और न ही किसी अधिकारी को आने दिया गया.
बताया सुनियोजित षड्यंत्र
महापौर संगीता तिवारी ने इसे सुनियोजित षड्यंत्र बताते हुए कहा कि यह सब कुछ किसी के इशारे पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा“कार्ड में मेरा नाम कहां है, किस नंबर पर है, उससे फर्क नहीं पड़ता. मैं सागर की साढ़े तीन लाख जनता की सेवा के लिए हर संघर्ष करने को तैयार हूं. लेकिन मुझे मेरे पार्षदों और कर्मचारियों ने अवगत कराया है कि दशहरा के कार्यक्रम में मुझे अपमानित करने की साजिश रची जा रही है. इसी कारण मैं वहां नहीं जाऊंगी.
महापौर ने यह भी स्पष्ट किया कि पूरे घटनाक्रम की जानकारी शासन और संगठन को दे दी गई है. उन्होंने कहा कि चाहे कितनी भी साजिश कर ली जाए, वह नगर के विकास कार्यों को लेकर मजबूती से खड़ी रहेंगी.
सागर नगर निगम की राजनीति में भाजपा की गुटबाजी अब सार्वजनिक हो गई है और दशहरा जैसे बड़े आयोजन से महापौर का दूर रहना इस विवाद को और गहराने वाला माना जा रहा है.
ये भी पढ़ें Video: पति के साथ गरबा कर रही 19 साल की युवती को आया हार्ट अटैक, मौत, 4 महीने पहले ही हुई थी शादी