मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहने वाले एक युवक ने अपने जीवन को लेकर बड़ा ही अहम फैसला लिया है. उसने इस्लाम धर्म को त्यागकर धर्म नगरी वाराणसी जाकर सनातन धर्म अपनाया है. सागर के रहने वाले असद खान बनारस जाकर पूरे वैदिक विधि-विधान के साथ हिंदू धर्म में आए हैं. अस्सी घाट पर उनका विधि विधान से पंच गव्य स्नान कराया, फिर गंगा स्नान कर पवित्रीकरण किया गया.
फिर मुंडन कर हवन पूजन कराया गया. इसके बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर आर्शीवाद लिया. असद से बने अथर्व ने शिवलिंग पर अभिषेक कर हवन पूजन किया गया और शाम को गंगा आरती में शामिल हुए. इसके बाद भंडारे के साथ वैदिक विधि विधान से सनातन धर्म अपनाया. असद की अब नई पहचान 'अथर्व त्यागी' हो गई है. सनातन धर्म अपनाने के बाद उन्होंने जय श्रीराम के नारे भी लगाए.
इस वजह से त्यागा इस्लाम
असद उर्फ अथर्व का कहना है कि वे लंबे समय से इस्लाम धर्म में व्याप्त कुछ कुरीतियों से असहज महसूस कर रहे थे. मूर्ति पूजा का विरोध, मांस-मछली सेवन को लेकर जबरन आचरण और धार्मिक बंधनों ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया.
'अब आत्मिक शांति मिली'
असद उर्फ अथर्व का कहना है, "मुझे शुरू से ही भगवान महाकाल में आस्था रही है, लेकिन परिवार और समाज के दबाव के कारण मैं कभी खुलकर अपनी आस्था व्यक्त नहीं कर पाया. मूर्ति पूजा करने से रोका जाता था. अब मुझे आत्मिक शांति मिली है."
अपनी इच्छा से लिया फैसला
अथर्व का कहना है कि उन्होंने यह फैसला किसी दबाव में नहीं, बल्कि पूरी तरह अपनी इच्छा और आस्था के आधार पर लिया है. बनारस पहुंचकर उन्होंने गंगा स्नान किया और इसके बाद विधिवत हवन-पूजन कर सनातन धर्म को स्वीकार किया.
धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर अथर्व त्यागी रखा, जिससे वे अपनी नई पहचान और नई शुरुआत को जीवनभर आत्मसात कर सकें.
सागर से बनारस तक आस्था का यह सफर अब चर्चा का विषय बना हुआ है. अथर्व त्यागी का कहना है कि यह उनके आत्मविश्वास और विश्वास का फैसला है.