Breast Cancer: तेजी से पैर पसार रहा है कैंसर; जबलपुर मेडिकल कॉलेज की रिसर्च में हुआ ये खुलासा

Breast Cancer: विशेषज्ञों का कहना है कि डरने की बजाय सावधानी जरूरी है. हर महिला—चाहे विवाहित हो या अविवाहित—को 40 वर्ष की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए.

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Breast Cancer: तेजी से पैर पसार रहा है कैंसर; जबलपुर मेडिकल कॉलेज की रिसर्च में हुआ ये खुलासा

Breast Cancer: जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज (Jabalpur Medical College) में हुए हालिया शोध ने चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं. शोध के अनुसार, भारत में अब ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) महिलाओं में सबसे तेजी से फैलने वाला कैंसर बन चुका है. अभी तक मुख का कैंसर सर्वाधिक पाया जाता था .  विश्व स्तर पर जहां ब्रेस्ट कैंसर का औसत आयु-समूह 50 से 60 वर्ष माना जाता है, वहीं भारत में यह उम्र घटकर 40 से 50 वर्ष तक पहुंच गई है. इसका अर्थ है कि भारतीय महिलाएं अपेक्षाकृत कम उम्र में ही इस गंभीर बीमारी का शिकार हो रही हैं.

शोध में क्या खुलासा हुआ?

शोध में सामने आया है कि स्तन दर्द की शिकायत लेकर आने वाली महिलाओं में से 5 प्रतिशत में ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हुई. डॉक्टरों का मानना है कि यदि यह बीमारी प्रथम अवस्था (First Stage) में पकड़ में आ जाए तो मरीज की जान बचने की संभावना 95 प्रतिशत तक रहती है. यही कारण है कि विशेषज्ञ समय-समय पर जांच कराने की सलाह दे रहे हैं.

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  • भारत में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में नंबर 1 कैंसर बन चुका है.
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में इसका खतरा तेजी से बढ़ रहा है.
  • स्तन दर्द या गांठ की शुरुआती शिकायत पर सोनोग्राफी कराने से बीमारी पकड़ी जा सकती है.
  • बदलती जीवनशैली, जंक फूड और कम स्तनपान इसके बड़े कारण हैं.
  • फर्स्ट स्टेज पर कैंसर पकड़ में आने पर 95% तक जान बचाई जा सकती है.
  • हर महिला को साल में कम से कम एक बार स्क्रीनिंग कराने की सलाह.
डॉ. संजय यादव, जो इस विषय पर मेडिकल कॉलेज में शोध कर रहे हैं, बताते हैं कि भारत में अधिकांश महिलाएं तब अस्पताल पहुंचती हैं जब बीमारी एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी होती है. देर से इलाज शुरू होने की वजह से मृत्यु दर भी अधिक होती है.

वहीं, अमेरिका ने लक्ष्य तय किया है कि 2030 तक वहां किसी भी महिला की मृत्यु ब्रेस्ट कैंसर से न हो.

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एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बदलती जीवनशैली, छोटे परिवार और कम स्तनपान, जंक फूड की बढ़ती खपत, हार्मोनल असंतुलन और रासायनिक प्रभाव इस बीमारी को बढ़ावा दे रहे हैं. पशुओं को दिए जाने वाले हार्मोन इंजेक्शन भी अप्रत्यक्ष रूप से इसके लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि डरने की बजाय सावधानी जरूरी है. हर महिला—चाहे विवाहित हो या अविवाहित—को 40 वर्ष की उम्र के बाद साल में कम से कम एक बार ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए. समय पर जांच और इलाज से इस बीमारी से बचाव पूरी तरह संभव है.

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