Rajniwas Gangrape Case: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के बहुचर्चित राज निवास सर्किट हाउस गैंगरेप केस में मंगलवार को पॉस्को एक्ट कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पॉस्को एक्ट कोर्ट विशेष जज ने नाबालिग गैंगरेप केस में दोषी पाए गए महंत सीताराम उर्फ विनोद पांडे समेत 5 को अंतिम सांस तक आजीवन कैद की सजा सुनाई है, लेकिन 4 आरोपियों को सबूत के बिना पर बरी कर दिया.
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सर्किट हाउस में हुए गैंगरेप की वारदात ने खूब बंटोरी थी सुर्खियां
रिपोर्ट के मुताबिक गत 28 मार्च, 2022 में राज निवास सर्किट हाउस में हुए गैंगरेप की वारदात ने खूब सुर्खियां बंटोरी थी. साढ़े तीन साल बाद आए फैसले में विशेष जज ने महंत सीताराम उर्फ विनोद पांडे समेत पांच आरोपियों को अंतिम सांस तक आजीवन कारावास और 1-1 लाख रु. जुर्माने की सजा सुनाई है. हालांकि 4 आरोपी साक्ष्य की बिना पर बरी कर दिए गए हैं.
बहाने से नाबालिग को सर्किट हाउस बुलाकर किया गया गैंगरेप
गौरतलब है रीवा के सर्किट हाउस राजनिवास के कमरा नंबर चार में गत 28 मार्च 2022 को एक नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना घटी थी. नाबालिग को बहाने से सर्किट हाउस बुलाकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. मौके पर पहले से मौजूद महंत सीताराम और उसके साथियों ने दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था.
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सर्किट हाउस के कमरा नंबर 4 में शराब पिलाकर किया गैंगरेप
विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट पदमा जाटव ने मंगलवार को मुख्य आरोपी महंत सीताराम उर्फ विनोद पांडे समेत पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. बचाव पक्ष के वकील के अनुसार 28 मार्च 2022 को नाबालिग को बहाने से राज निवास बुलाया गया और कमरा नंबर 4 में शराब पिलाकर उसके साथ गैंगरेप को अंजाम दिया गया था.
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महंत सीताराम, धीरेंद्र मिश्रा,अंशुल मिश्रा,मोनू पयासी को उम्र कैद
पॉस्को एक्ट कोर्ट ने गैंगरेप वारदात में दोषी पाए गए क्रमशः महंत सीताराम उर्फ विनोद पांडे, धीरेंद्र मिश्रा,अंशुल मिश्रा,मोनू पयासी को आजावीन कारावास की सजा सुनाई है. जबकि मामले में आरोपी 4 अन्य क्रमशः संजय त्रिपाठी, रवि शंकर शुक्ला, जानवी दुबे और तौसीद अंसारी को सबूत की बिना पर बरी कर दिया है.
DNA रिपोर्ट, CCTV फुटेज और CDR सबूत में फंसे आरोपी
उल्लेखनीय है हाई प्रोफाइल सर्किट हाउस में घटी गैंगरेप की वारदात ने प्रशासन की खूब किरकिरी कराई थी. बड़ा सवाल था कि अपराधियों ने सर्किट हाउस में घटना को अंजाम दिया था. पुलिस ने डीएनए रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और सीडीआर जैसे तकनीकी साक्ष्यों को कोर्ट में पेश किया था, जिसके आधार पर विशेष जज ने बड़ा फैसला सुनाया है.
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