
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh Assembly Elections 2023) राज्य में विंध्य प्रदेश क्षेत्र के रीवा जिले में रीवा विधानसभा क्षेत्र है, जो अनारक्षित है. पिछले विधानसभा चुनाव, यानी वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां कुल मिलाकर 204334 मतदाता थे, जिन्होंने बीजेपी के प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ला को 69806 वोट देकर जिताया था. उधर, कांग्रेस उम्मीदवार अभय मिश्रा को 51717 वोट हासिल हो सके थे, और वह 18089 वोटों से हार गए थे.
इसी तरह वर्ष 2013 में रीवा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ला को जीत हासिल हुई थी, और उन्होंने 61502 वोट हासिल किए थे. इस चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार कृष्ण कुमार गुप्ता (के.के.) को 23956 वोट मिल सके थे, और वह 37546 वोटों के अंतर से दूसरे स्थान पर रहे थे.
इससे पहले, रीवा विधानसभा क्षेत्र में वर्ष 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी पार्टी के प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ला ने कुल 43140 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी, और बीएसपी उम्मीदवार डॉ. अब्दुल मुजीब खान वकील दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें 17030 मतदाताओं का समर्थन हासिल हो सका था, और वह 26110 वोटों के अंतर से विधानसभा चुनाव हार गए थे.
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव, यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश में 114 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 109 सीटें आई थीं. बाद में कांग्रेस ने 121 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल के सामने पेश किया और कमलनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली. लेकिन डेढ़ साल में ही राज्य में नया राजनीतिक तूफ़ान खड़ा हो गया, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक 22 विधायकों के साथ BJP में शामिल हो गए. इससे BJP के पास बहुमत हो गया और शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर मुख्यमंत्री बन गए. हालांकि इसके बाद राज्य में 28 सीटों पर उपचुनाव हुए और BJP 19 सीट जीतकर मैजिक नंबर के पार जा पहुंची. फिलहाल शिवराज सिंह 18 साल की अपनी सरकार की एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अगला कार्यकाल हासिल करने की उम्मीद कर रहे हैं, और BJP ने अपने सारे दिग्गजों को मैदान में उतार दिया है. दूसरी तरफ, कांग्रेस एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर पर सवार होकर सत्ता पाने का सपना संजोए हुए है. पार्टी को लगता है कि उसके लिए इस बार संभावनाएं पहले से अच्छी हैं. अब कामयाबी किसे मिलती है, यह तो चुनाव परिणाम ही तय करेंगे.