Parbati-Kalisindh-Chambal River Link Project: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा है कि मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना (Parbati-Kalisindh-Chambal River Link Project) के "मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग" के बाद अब उसके "मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट" (Memorandum of Agreement) पर हस्ताक्षर की सहमति बन गई है. योजना की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए मंत्रि-परिषद के समक्ष संक्षेपिका 15 दिनों में प्रस्तुत की जाएगी. सीएम मोहन यादव ने ये जानकारी मंत्रि-परिषद की बैठक (Cabinet Meeting) के पहले दी थी.
MP के 11 जिले शामिल
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की 75 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी परियोजना से प्रदेश के 11 जिले गुना, शिवपुरी, सीहोर, देवास, राजगढ़, उज्जैन, आगर मालवा, इंदौर, शाजापुर, मंदसौर और मुरैना के 2094 गांवों में लगभग 6 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी. साथ ही पेयजल एवं औद्योगिक आपूर्ति के लिए जल भी उपलब्ध होगा. योजना में मध्यप्रदेश में 21 बांध एवं बैराज बनाए जाएंगे. योजना अंतर्गत प्रदेश में कराए जाने कार्यों की लागत लगभग 36 हजार 800 करोड़ रुपए है.
इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश की 17 परियोजनाएं एवं राजस्थान की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना शामिल हैं. परियोजना की कुल लागत 72 हजार करोड़ रूपए प्रस्तावित है. परियोजना के क्रियान्वयन से मध्यप्रदेश के कुल लगभग 6.11 लाख हेक्टेयर नवीन क्षेत्र में सिंचाई एवं पेयजल व उद्योगों के लिए लगभग 172 मि.घ.मी. जल का प्रावधान किया गया है. परियोजना से लगभग 40 लाख परिवार लाभांवित होंगे.
ऐसा है प्लान (Revised Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project)
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में मध्यप्रदेश से प्रारम्भ होने वाली पार्वती, कूनो, कालीसिंध, चंबल, क्षिप्रा एवं सहायक नदियों के जल का अधिकतम उपयोग किया जायेगा. परियोजना के अंतर्गत श्रीमंत माधवराव सिंधिया सिंचाई कॉम्पलेक्स में 04 बांध (कटीला, सोनपुर, पावा एवं धनवाड़ी), 02 बैराज (श्यामपुर, नैनागढ), कुम्भराज कॉम्पलेक्स में 02 बांध (कुम्भराज-1 एवं कुम्भराज-2) तथा रणजीत सागर, लखुंदर बैराज एवं ऊपरी चम्बल कछार में 07 बांध (सोनचिरी, रामवासा, बचेरा, पदुनिया, सेवरखेडी, चितावद तथा सीकरी सुल्तानपुरा) शामिल हैं. इसके अलावा गांधी सागर बांध की अपस्ट्रीम में चंबल, क्षिप्रा और गंभीर नदियों पर छोटे-छोटे बांधों का निर्माण भी प्रस्तावित है. राज्य शासन की यह एक बड़ी उपलब्धियों में शामिल है. केन्द्र सरकार के सहयोग से बनने वाली इस परियोजना का कार्य आगामी 05 वर्ष में पूर्ण कर लिया जाएगा.
संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना सह पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना का भारत सरकार से प्राप्त ड्राफ्ट समझौता अनुबंध (MOA) को मध्य प्रदेश शासन द्वारा संशोधन उपरांत भारत सरकार को 25 अक्टूबर 2024 को प्रेषित कर अनुरोध किया गया था कि मध्यप्रदेश के बिन्दुओं (कार्यों) को MOA में समावेश कर अंतिम रूप दिये ड्राफ्ट समझौता अनुबंध (MOA) को मध्य प्रदेश शासन को भेजें, जिससे अंतिम ड्राफ्ट (MOA) पर शासन से अनुमोदन प्राप्त किया जा सके.
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