MP News In Hindi: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सीधी जिले में आरईएस विभाग (RES Department) द्वारा कराए गए निर्माण कार्य भ्रष्टाचार (Corruption)की भेंट चढ़ गए हैं. निर्धारित प्राक्कलन के आधार पर कार्यों के न होने के चलते पहली बरसात भी नहीं झेल पाए हैं. आधे से अधिक निर्माण कार्य 1 साल बाद ही जवाब दे दिए हैं. ऐसे में पूर्व नेता प्रतिपक्ष व चुरहट विधायक अजय सिंह राहुल (MLA Ajay Singh Rahul) ने विधानसभा में सवाल किये.
भ्रष्टाचार पर जांच करने की हुई थी मांग
इसके साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी आरईएस विभाग में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जांच करने की मांग की थी. इसके उपरांत आरईएस विभाग के असिस्टेंट चीफ इंजीनियर एवं चीफ इंजीनियर सीधी पहुंचकर अब निर्माण कार्यों की जांच पड़ताल में जुटे हुए हैं. रविवार को सीधी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत घूघा सड़क मार्ग के बीच बनाए गए 21 नग पुल-पुलियों की जांच की गई है, जांच के दौरान निर्माण कार्यों की स्थिति को देखकर स्वयं चीफ इंजीनियर की आंखें फटी रह गई.
घूघा मार्ग में बनी पुलियों की हुई जांच
रविवार को चीफ इंजीनियर आरईएस विभाग मोहन सिंह सीधी पहुंचे, जिनके द्वारा शिकायत के आधार पर घूघा मार्ग पर बने 21 नग पुलियों की जांच की गई.पूरी टीम के साथ जांच करने पहुंचे चीफ इंजीनियर को निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की झलक साफ तौर पर दिखाई दी है, जिसे टीम द्वारा बाकायदा दर्ज किया गया है. 21 नग पुलियों की जांच में काफी समय भी लगा, लेकिन चीफ इंजीनियर के द्वारा पूरे समय तक पुलियों की जांच की गई.इस दौरान शिकायतकर्ता एवं ग्रामीण जन काफी संख्या में मौजूद रहे जिनके द्वारा घोटाले की परत भी खोली गई.
जांच के लिए कुसमी हुए रवाना
बताया गया कि सीधी जिले का कुसमी आदिवासी बहुल क्षेत्र है, और यहां निर्माण कार्यों में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है. डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनी पुल हाल ही में बह गई है, जिसे बोरियां में रेत भरकर मरम्मत का नाम दिया गया. बारिश में रेत भरी बोरियां भी बह गई हैं, ऐसे में आवागमन बाधित हो गया है. इसकी भी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से की गई थी, जिसे भी दर्ज कर अब इसकी जांच की जा रही है. बताया गया कि चीफ इंजीनियर मोहन सिंह अपनी टीम के साथ कुसमी के लिए रवाना हो गए.
चहेते ठेकेदारों के साथ पार्टनर बनने का आरोप
सीधी जिले में प्रभारी कार्यपालन यंत्री हिमांशु तिवारी पिछले 6 वर्ष से अधिक समय से पदस्थ है जिनके द्वारा जिले भर में निर्माण कार्यों के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है, जिसकी परत अब खुलने लगी है. समय-समय पर विपक्ष के नेताओं द्वारा आवाज उठाई गई. लेकिन कोई असर नहीं हो रहा था, लेकिन जब चुरहट विधायक एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने विधानसभा में इस सवाल को किया तो पूरे प्रदेश में सीधी के भ्रष्टाचार की चर्चा आम हो गई. जांच के लिए चीफ इंजीनियर को निर्देशित किया गया, जिसके आधार पर अब सीधी जिले में आरईएस विभाग के तहत हुए घोटाले की जांच की जा रही है.
BJP MLA रीति पाठक ने भी उठाए सवाल
आरईएस विभाग के प्रभारी कार्यपालन यंत्री हिमांशु तिवारी के कारनामों पर विपक्ष ही खफा नहीं हैं, बल्कि सत्ता पक्ष भाजपा की विधायक रीति पाठक भी खासा नाराज हैं, उनके द्वारा हाल ही में क्षेत्र का दौरा कर निर्माण कार्यों के हालातों की जानकारी ली गई है, जिसमें पाया गया है कि वाटर सेड के कार्यों एवं आरईएस विभाग के कार्यों में स्थल एक है. जबकि भुगतान अलग-अलग किया गया है, ऐसे में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है. मौके पर जाकर रीति पाठक के द्वारा जांच कराई गई है जिसमें पाया गया है कि एक ही निर्माण कार्य के नाम पर दो-दो विभागों के द्वारा शासकीय राशि हरित कर फर्जीवाड़ा किया गया.
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"जांच पड़ताल की जा रही"
आरईएस विभाग के चीफ इंजीनियर मोहन सिंह ने कहा कि "सीधी जिले में विभाग द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके आधार पर जांच पड़ताल की जा रही है, आज सीधी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत घूघा सड़क मार्ग में बने पुलों की जांच की गई है, जिले में कुसमी एवं अन्य क्षेत्रों के निर्माण कार्यों की जांच की जाएगी."
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