गणतंत्र दिवस 2024: 26 से 29 जनवरी तक 39वां लोकरंग, जनजातीय और लोक कलाओं के इस उत्सव के बारे में जानिए सबकुछ

Lokrang Festival in Bhopal: 'धरोहर' में इस बार मध्यप्रदेश सहित 14 राज्यों की नृत्य प्रस्तुति दी जाय़ेगी, जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा,ओडिशा, कश्मीर, असम, कर्नाटक, हिमाचल, आन्ध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के नृत्यों की प्रस्तुति दी जायेगी. जबकि 'देशान्तर' में तीन दिन ब्राजील, अर्जेन्टीना एवं बुल्गारिया के सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियां होंगी.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins

Republic Day Celebration 2024: गणतंत्र दिवस के अवसर पर जनजातीय और लोक कलाओं (Tribal and Folk arts) के 39वें राष्ट्रीय समारोह लोकरंग समारोह का शुभारंभ मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन परिसर में 26 जनवरी,  को होगा. संस्कृति विभाग (Culture Department of Madhya Pradesh) द्वारा आयोजित इस समारोह में पारम्परिक लोक नृत्य, लोक गायन-वादन, स्थानीय शिल्प और देशज व्यंजन भी देखने और महसूस करने को मिलेंगे. संत रविदास (Sant Ravidas) के जीवन पर समवेत नृत्य-नाट्य द्वारा प्रस्तुति दी जायेगी, जिसके सूत्राधार प्रसिद्ध अभिनेता गोविन्द नामदेव होंगे. इसके साथ ही 27 से 29, जनवरी, 2024 को विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन एवं प्रदर्शन किया जायेगा. समारोह में घुमन्तू समुदायों नट, रेवाड़ी, जोगी एवं गड़िया लोहार के डेरा (आवास) एवं घरेलू जीवनोपयोगी वस्तुओं का प्रदर्शन होगा. वहीं  लोकवार्ता में संस्कृति विभाग के प्रकाशन, बतकही: पद्मश्री सुश्री जुधैया बाई के चित्रों की प्रदर्शनी, प्रतिरूप अंतर्गत मुखौटों की कार्यशाला, सांस्कृतिक परम्परा में साधु और सन्यासी विषयक संगोष्ठी भी आयोजित होगी. समारोह के अंतिम दिन 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रसिद्ध गायिका स्वाति मिश्रा अपने साथी कलाकारों के साथ सिंगिंग प्रस्तुति देंगी.

Advertisement

लोकराग और देशराग में ये होगा

लोकरंग महोत्सव में 'लोकराग' कार्यक्रम के अंतर्गत आंचलिक गायन की प्रस्तुति होगी जिसमें 27 जनवरी को मध्य प्रदेश का बुन्देली कछियाई गायन और महाराष्ट्र का हरबोला गायन होगा. 28 जनवरी को मध्यप्रदेश बसदेवा गायन एवं निमाड़ी गायन होगा. वहीं 29 जनवरी को महाराष्ट्र का डक्कलवार एवं पोतराज गायन और मध्य प्रदेश का मालवी गायन होगा. वहीं देशराग के अंतर्गत हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश की गायन प्रस्तुतियां होंगी. इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वृंदगान, सिम्फनी, वाल्टज और भारतीय शास्त्रीय संगीत फ्यूजन, मयूरभंज छाऊ नृत्य की भी प्रस्तुति होगी.

Advertisement

धरोहर व देशान्तर कार्यक्रम

'धरोहर' में मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों के जनजातीय एवं लोकनृत्यों का प्रदर्शन किया जायेगा. वहीं 'देशान्तर' में विदेशी सांस्कृतिक कलारूपों में संगीत एवं नृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी. 'धरोहर' में इस बार मध्यप्रदेश सहित 14 राज्यों की नृत्य प्रस्तुति दी जाय़ेगी, जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा,ओडिशा, कश्मीर, असम, कर्नाटक, हिमाचल, आन्ध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ के नृत्यों की प्रस्तुति दी जायेगी. जबकि 'देशान्तर' में तीन दिन ब्राजील, अर्जेन्टीना एवं बुल्गारिया के सांस्कृतिक दलों की प्रस्तुतियां होंगी.

शिल्प मेला और स्वाद में ये रहेगा

लोकरंग में विविध प्रकार के शिल्पों के मेले की एक विशिष्ट पहचान है. इस बार पारम्परिक शिल्पियों द्वारा शिल्प मेले में पारम्परिक शिल्पों की बिक्री व प्रदर्शन किया जायेगा.

Advertisement
लोकरंग के विशाल परिसर में एक आकर्षण व्यंजन मेले का भी है. इस बार करीब 15 जनजातीय और क्षेत्रीय व्यंजन बनाने वाले हिस्सा ले रहे हैं जो अपने व्यंजनों को प्रस्तुत करेंगे, जिसमें भील, गोंड, बैगा,कोरकू, मालवी, चंबल,बुंदेली, निमाड़ी, मराठी व्यंजन होंगे.

उल्लास कार्यक्रम ऐसा होगा

इस कार्यक्रम के अंतर्गत मलखम्भ, बहरूपिया, नट कला, कठपुतली प्रदर्शन होगा. इसके अलावा और भी कई छोटे-छोटे आयामों में बच्चों के मनोरंजन, ज्ञान एवं आनंद के उपक्रम किए जायेंगे.

यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस 2024: देश के 16 राज्यों में फहराए जाएंगे MP में बने तिरंगे, ऐसे तैयार होता है राष्ट्रीय ध्वज